सीजी भास्कर, 23 नवंबर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 14 दिसंबर से 17 दिसंबर तक चलेगा। चार दिनों के इस सत्र में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय धर्मांतरण संशोधन विधेयक (Conversion Law Chhattisgarh) रहने वाला है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने पुष्टि की है कि इस सत्र में यह विधेयक निश्चित रूप से पेश किया जाएगा। 22 नवंबर को मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि विधेयक के लागू होने के बाद नियमों में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए जाएंगे।
ड्राफ्ट बनाने के लिए गृहमंत्री ने की 52 बैठकें
धर्मांतरण संशोधन विधेयक निर्माण समिति के सदस्यों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर विवाद न बढ़े इसलिए गृहमंत्री के नेतृत्व में नया ड्राफ्ट तैयार किया गया है। नए ड्राफ्ट के तहत अब किसी व्यक्ति के लिए एक धर्म से दूसरे धर्म में जाना आसान नहीं होगा (Conversion Law Chhattisgarh)। धर्म परिवर्तन केवल निर्धारित प्रक्रिया और कानूनी औपचारिकताओं का पालन करने पर ही वैध माना जाएगा।
सरकार Religious Freedom Law भी लाने जा रही है, जिसमें नियमों का उल्लंघन करने, गलत सूचना देने या जबरदस्ती/प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने पर कठोर सजा और जेल का प्रावधान होगा। गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस ड्राफ्ट को तैयार करने के लिए 52 बैठकों में अधिकारियों, सामाजिक संगठनों और विशेषज्ञों से चर्चा की।
Conversion Law Chhattisgarh क्यों पड़ रही है सख्त कानून की जरूरत
छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों बस्तर, जशपुर, रायगढ़ और नारायणपुर में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण के आरोप लंबे समय से विवाद का केन्द्र रहे हैं। कई जगहों पर स्थिति गुटीय संघर्ष में बदल चुकी है (Conversion Law Chhattisgarh)। राज्य में अभी धर्मांतरण के लिए कोई स्पष्ट वैधानिक प्रक्रिया मौजूद नहीं है, जिसके कारण अक्सर लोग किसी प्रभाव, दबाव या लालच में आकर धर्म बदल लेते हैं और खुद को नया धर्म अपनाने वाला घोषित कर देते हैं।
प्रस्तावित कानून के अनुसार तय प्रक्रिया से बाहर जाकर किया गया धर्म परिवर्तन वैध नहीं माना जाएगा। किसी प्रकार के दबाव, धमकी या लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। गृह विभाग वर्तमान में 9 राज्यों के बनाए गए धर्मांतरण कानूनों का अध्ययन कर रहा है, ताकि छत्तीसगढ़ में एक मजबूत और स्पष्ट नियम लागू किया जा सके।
अतीत में कई बार बिगड़ी कानून व्यवस्था
आदिवासी और नए धर्म अपनाने वाले आदिवासियों के बीच कई बार हिंसक स्थिति बनी, नारायणपुर समेत कई क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर झड़पें हुईं। ऐसे विवाद दोबारा न हों और धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर दुरुपयोग न हो, इसलिए सरकार ने धर्मांतरण संशोधन विधेयक तैयार करने की प्रक्रिया तेज की है।
