सीजी भास्कर, 08 जुलाई। बिलासपुर में लगातार हो रही भारी बरसात का असर जन-जीवन पर पड़ने लगा है। बाढ़ के हालात के बीच रतनपुर-पेंड्रा मार्ग बंद हो गया है। वहीं, शहर के रिहायशी कॉलोनियों में भी पानी भर गया है। लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। ग्रामीण क्षेत्र में नदी-नाले उफान पर हैं, जिससे बाढ़ आ गई है।
भारी बारिश की वजह से शहर के सरकंडा, तोरवा, मोपका, मंगला, बूटापारा सहित नगर निगम क्षेत्र के कई रिहायशी कॉलोनियों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। सरकंडा के शिवम होम्स कॉलोनी सहित आसपास के रहवासी 2 दिन से अपने घरों में कैद हैं।
उनका घर से निकलना मुश्किल हो गया है। क्योंकि, गली और सड़क पर बारिश का पानी घुटनों से ऊपर बह रहा है। सोमवार को हुई बारिश के बाद कई कॉलोनियों में जलभराव हो गया। शहर में गोकने नाला के निचले क्षेत्र के साथ ही गंगानगर, श्रीकांत वर्मा मार्ग, बंधवापारा, तोरवा एरिया में 8-10 जगह पानी भरा है।
नदी-नालों के किनारे बसें गांव की हालत चिंताजनक
वहीं, मस्तूरी ब्लॉक के ग्राम ईटवापाली, कोटा के तेन्दूभाठा, बांसाझाल, चपोरा, मोहदा, केंदाडांड, पचरा, टोनासागर, सेमरा, तखतपुर की मनियारी नदी के किनारे कुछ गांवों के साथ ही बिल्हा के वार्ड 8 और 9 में पानी भर गया है।
पानी को बाहर निकालने का दावा किया जा रहा है। बाढ़ के हालात में ग्रामीण इलाकों में राहत पहुंचाने का दावा किया जा रहा है। लेकिन, लोगों का कहना है कि सरकारी अमला कोई मदद नहीं कर रहा है। जिससे स्थिति बिगड़ने की आशंका है।
इधर, कलेक्ट्रेट में बैठक, अफसरों को फील्ड में रहने के निर्देश
भारी बारिश की वजह से तखतपुर, कोटा, मस्तूरी सहित बिल्हा में भी कहीं-कहीं पानी भर गया है। लोगों को दिक्कत हो रही है। यही वजह है कि सोमवार को कलेक्टर और एसएसपी ने देर शाम बैठक ली। ब्लॉकों से अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे।
कलेक्टर ने कहा कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, कोई भी अधिकारी ऑफिस में नहीं रहेंगे। वे पीड़ितों के पास जाएं और उन्हें रुकवाने का इंतजाम करें। उनके नुकसान का सर्वे भी करें। लगातार बारिश होने के कारण जिले के कुछ इलाकों में स्थिति चिंताजनक होने लगी है। बावजूद इसके लोगों को मदद नहीं मिल पा रही है और बाढ़ से लोग परेशान हैं।
सड़क ही नहीं रेल यातायात भी बाधित आधा दर्जन ट्रेनें हुई प्रभावित
बारिश के चलते रूट की आधा दर्जन ट्रेनें सोमवार को अपने तय समय से लेट आईं। 12950 पोरबंदर कवि गुरु सुपर फास्ट 13 घंटे 36 मिनट की देरी से रात 10.51 बजे पहुंची। 12262 मुंबई से चलने वाली दुरंतो एक्सप्रेस 7 घंटे की देरी से रात 9.52 बजे पहुंची।
13288 राजेंद्र नगर से चलने वाली साउथ बिहार एक्सप्रेस 4.45 घंटे की देरी से रात 10.15 बजे पहुंची। पुरी से हरिद्वार जाने वाली उत्कल एक्सप्रेस 8 घंटे की देरी से रात 10.15 बजे पहुंची।
रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर झरने की तरह गिरा पानी
सोमवार शाम तेज बारिश होते ही प्लेटफॉर्म नंबर एक पर यात्री प्रतीक्षालय के सामने शेड से पानी झरने की तरह गिरने लगा। सामने पानी भरने से से यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। पूरा पानी यात्री प्रतीक्षालय के सामने जमा हो गया। इससे भीतर जाने और बाहर आने वालों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
ईब नदी पर बने ब्रिज के गर्डर तक पहुंचा जल स्तर
रायगढ़ सेक्शन में झारसुगुड़ा से पहले ईब नदी भी उफान पर है। पानी ब्रिज के गर्डर तक पहुंच चुका है। ऐसे में सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए टीम पूरी रात नदी का जल स्तर नापते रहे। सेक्शन के इंजीनियर समेत कई अधिकारी नदी नालों की अपडेट लेकर रेस्क्यू टीम को अलर्ट मोड पर रखा।
कोटा इलाके में बारिश बनी आफत
बारिश ने शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक लोगों को परेशान कर रखा है। कोटा और बेलगहना में 24 घंटे में 16 सेंटीमीटर बारिश हुई। वहीं मस्तूरी, बिल्हा, रतनपुर, तखतपुर में भी पिछले 24 घंटे में झमाझम बारिश हुई।
बिलासपुर शहर में महज डेढ़ घंटे में 6 सेंटीमीटर से ज्यादा पानी बरस गया। 30 जून से शहर सहित जिले के ग्रामीण इलाकों में अच्छी बारिश हो रही है। तखतपुर व सकरी इलाके में पहले की तुलना में अब अच्छी बारिश हुई है। सोमवार को शहर में महज डेढ़ घंटे में ही 6 सेंटीमीटर (61.6 मिमी) से ज्यादा बारिश हुई। इससे पहले सुबह 8:30 बजे 52.6 मिमी यानी 5.26 सेमी वर्षा रिकॉर्ड हुई।
बाढ़ का पानी सड़क पर, रतनपुर-पेंड्रारोड मार्ग बंद
बारिश के कारण बाढ़ का पानी सड़क पर आ गया है। इसके कारण रतनपुर-पेंड्रा मार्ग बंद है। जगह-जगह जाम लग गया है। वाहन चालक दूसरे रास्ते से आना-जाना कर रहे हैं। केंदा के पास कसईबहरा में जवस नदी उफान पर है। इसके कारण बाढ़ का पानी स्कूल में आंगनबाड़ी में पानी भर गया था। बेलगहना से दार सागर वाला रास्ता बंद है।
आज भी अच्छी बारिश के आसार, कल से आ सकती है कमी
मौसम विभाग के मुताबिक एक निम्न दाब का क्षेत्र दक्षिण पश्चिम गंगेटिक पश्चिम बंगाल और उसके आसपास स्थित है। इसके साथ ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण 7.6 किमी ऊंचाई तक विस्तारित है। इसके पश्चिम उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए अगले 24 घंटे में, झारखंड, उत्तर छत्तीसगढ़ पहुंचने की संभावना है।
मानसून द्रोणिका माध्य समुद्र तल पर श्रीगंगानगर, सिरसा, मेरठ, वाराणसी, डाल्टनगंज, पुरुलिया, दक्षिण पश्चिम गंगेटिक पश्चिम बंगाल के ऊपर स्थित निम्न दाब के केंद्र और उसके बाद दक्षिण पूर्व की ओर उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी तक स्थित है।
एक द्रोणिका दक्षिण राजस्थान से दक्षिण पश्चिम गंगेटिक पश्चिम बंगाल के ऊपर स्थित निम्न दाब के केंद्र तक मध्य मध्य प्रदेश, उत्तर छत्तीसगढ़, दक्षिण झारखंड होते हुए 3.1 किलोमीटर से 7.6 किमी ऊंचाई तक विस्तारित है। 8 जुलाई को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। हालांकि, 9 जुलाई से बारिश की गतिविधियों में कमी आने की संभावना है।