सीजी भास्कर, 23 सितंबर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने दो करंट हादसों से मासूम बच्चों की मौत पर स्वतः संज्ञान (Electrocution Case Chhattisgarh) लिया और राज्य सरकार से सख्त जवाब मांगा। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बी.डी. गुरु की डिवीजन बेंच ने सोमवार को सुनवाई करते हुए दोनों घटनाओं को जनहित याचिका में शामिल किया।
मुख्य सचिव का हलफनामा
राज्य सरकार की ओर से मुख्य सचिव ने व्यक्तिगत हलफनामा (Electrocution Case Chhattisgarh) दाखिल किया। इसमें घटनाओं की विस्तृत जानकारी और अब तक की कार्रवाई का ब्यौरा दिया गया।
कोंडागांव की घटना
कोंडागांव जिले के पदेली में आंगनबाड़ी केंद्र पर करंट से एक मासूम बच्चे की मौत (Electrocution Case Chhattisgarh) हो गई। जांच में पाया गया कि मीटर से आने वाली लाइन चैनल गेट से क्षतिग्रस्त थी, जिससे गेट करंटयुक्त हो गया। लापरवाही के चलते आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को बर्खास्त, पर्यवेक्षक को निलंबित किया गया। मृतक परिवार को एक लाख रुपये की सहायता दी गई।
जीपीएम हादसा
गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले के करगीकला गांव में खेत की बाड़ में करंट लगने से एक बच्ची की मौत (Electrocution Case Chhattisgarh) हुई। जांच में सामने आया कि खेत मालिक ने झटका मशीन लगाई थी जो खराब हो गई। इससे एसी करंट लगातार बहता रहा और हादसा हो गया। पुलिस ने भूमि मालिक के खिलाफ केस दर्ज किया और मृतक की मां को चार लाख रुपये की सहायता राशि दी गई।
बिजली कंपनी को जिम्मेदार ठहराया
राज्य शासन ने बताया कि छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (Electrocution Case Chhattisgarh) को पूर्व में आदेश जारी किए गए थे। अब नए आदेश में अवैध कनेक्शन पर रोक, नियमित जांच, एफआईआर और कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया गया है।
कोर्ट की सख्ती
हाई कोर्ट ने दोनों घटनाओं को गंभीर लापरवाही मानते हुए राज्य सरकार और बिजली कंपनी को ठोस कदम उठाने (Electrocution Case Chhattisgarh) के निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकने की जिम्मेदारी तय करनी होगी। अगली सुनवाई 7 नवम्बर को होगी।