सीजी भास्कर, 03 मई। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राजधानी रायपुर में “राज्य समर्थन मिशन” के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ के युवाओं, महिलाओं और जनजातीय समुदायों को कौशल विकास और रोजगार (Rojgar) से जोड़ना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को उनकी रुचि और क्षमता के अनुसार प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना सरकार की प्राथमिकता है।
कार्यशाला के दौरान (Rojgar) राज्य सरकार ने चार महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए, जिनका उद्देश्य युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण प्रदान करना है।
इस एमओयू में नन्दी फाउंडेशन, महिंद्रा एंड महिंद्रा, नैसकॉम और राज्य उच्च शिक्षा विभाग की साझेदारी शामिल है। इसके तहत लाइवलीहुड कॉलेजों में ट्रैक्टर मैकेनिक जैसे पाठ्यक्रमों और कॉलेज छात्रों को आधुनिक तकनीकी कौशल में प्रशिक्षित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में वर्ष 2013 से कौशल विकास (Rojgar) को गति दी जा रही है। बस्तर और सरगुजा अंचलों में विशेष ध्यान देते हुए ग्रामीण युवाओं के लिए ट्रैक्टर निर्माण, इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर और मैकेनिक जैसे व्यावसायिक प्रशिक्षण की योजना बनाई गई है। साथ ही, महुआ, साल और इमली जैसे वन उत्पादों के मूल्यवर्धन से स्थानीय रोजगार भी सृजित किए जाएंगे।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार आने वाले समय में ई-हब की शुरुआत करने जा रही है, जहां नवाचार करने वाले युवाओं को फंडिंग, प्रोटोटाइप और मार्केटिंग की सुविधा मिलेगी।
उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में माओवाद के प्रभाव में कमी का हवाला देते हुए कहा कि अब वहां युवाओं के लिए विकास और रोजगार की दिशा में कार्य किया जा रहा है। यह पहल छत्तीसगढ़ को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम है।