श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर:
जम्मू-कश्मीर के दाछीगाम के घने जंगलों में हाल ही में हुए बड़े एनकाउंटर के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने दो स्थानीय व्यक्तियों को हिरासत में लिया है। इन पर आतंकियों को पनाह देने और उनकी पहचान छुपाने का संदेह है। पकड़े गए संदिग्धों की पहचान परवेज अहमद और बशीर अहमद के रूप में हुई है, जिन्हें एनआईए ने गहन पूछताछ के लिए अपनी निगरानी में लिया है।
ऑपरेशन महादेव: मारा गया पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड
इस ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के खतरनाक कमांडर सुलेमान शाह उर्फ मूसा फौजी को ढेर कर दिया। मूसा वही आतंकी था, जो पिछले साल श्रीनगर-सोनमर्ग हाईवे पर सात मजदूरों की नृशंस हत्या में शामिल था और 2025 के पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड भी था।
14 दिन तक जंगलों में खुफिया ट्रैकिंग, फिर सटीक हमला
दाछीगाम के महादेव और जबरवान रेंज के बीच हुए इस एनकाउंटर की तैयारी सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर की। जुलाई की शुरुआत में सुरक्षा एजेंसियों को सैटेलाइट कम्युनिकेशन के जरिए संदिग्ध गतिविधियों के इनपुट मिले थे। इसके बाद, 14 दिन तक जंगल में लगातार निगरानी और ट्रैकिंग चलती रही।
विशेष बात यह रही कि स्थानीय बकरवाल समुदाय ने सुरक्षाबलों को सटीक सूचनाएं दीं, जिससे ऑपरेशन को सफल बनाया जा सका।
भारी मात्रा में हथियार और ग्रेनेड बरामद
एनकाउंटर के बाद जब सुरक्षाबलों ने घने जंगल में शवों तक पहुंचने की कोशिश की, तो उन्हें 8 घंटे तक दुर्गम इलाकों में ट्रैकिंग करनी पड़ी। मारे गए आतंकियों के पास से 17 ग्रेनेड, एक M4 कारबाइन और दो AK-47 राइफल बरामद की गईं।
सूत्रों के मुताबिक, मारे गए तीनों आतंकी पाकिस्तान के मुल्तान से जुड़े हुए थे और भारत में लंबे समय से गुप्त मिशन पर सक्रिय थे।
क्यों अहम है यह एनकाउंटर?
- पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड की मौत आतंकरोधी मिशन में एक बड़ी जीत मानी जा रही है।
- स्थानीय नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है, जिससे आतंकी लॉजिस्टिक सपोर्ट की जानकारी मिली।
- सैटेलाइट कम्युनिकेशन और बकरवाल इनपुट की मदद से ऑपरेशन का खुफिया पहलू उजागर हुआ है।