सीजी भास्कर, 09 मई : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित डीएमएफ (District Mineral Foundation) फंड घोटाले (EOW ACB Action) में कोरबा जनपद के चार तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारियों (CEO) को ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) और एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। घोटाले की जांच के तहत इन सभी अधिकारियों को विशेष न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें 13 मई तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।
गिरफ्तार किए गए अधिकारियों (EOW ACB Action) में भरोस राम ठाकुर (तत्कालीन नोडल अधिकारी, डीएमएफटी), भूनेश्वर सिंह राज, राधेश्याम मिर्झा और वीरेंद्र कुमार राठौर (तीनों तत्कालीन जनपद CEO) शामिल हैं। आरोप है कि इन अधिकारियों ने डीएमएफ फंड के अंतर्गत होने वाले विकास कार्यों के ठेकों में भारी अनियमितताएं कीं।
जांच में सामने आया कि ठेका लेने वाले ठेकेदारों से भारी रकम वसूली गई और लगभग 40% कमीशन संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाया गया। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार अधिकारी आईएएस रानू साहू के करीबी हैं, जो वर्तमान में जेल में बंद हैं।
इस कार्रवाई की शुरुआत प्रवर्तन निदेशालय (ED) की प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर हुई। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि डीएमएफ फंड के दुरुपयोग में कई नियमों का उल्लंघन करते हुए टेंडर प्रक्रिया को तोड़ा-मरोड़ा गया। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि फर्जी दस्तावेज और भुगतान के जरिये सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया गया।
ईओडब्ल्यू और एसीबी (EOW ACB Action) ने इस प्रकरण में धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र और भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। सूत्रों का कहना है कि आगे की जांच में और बड़े नाम सामने आ सकते हैं, जिससे राजनीतिक हलकों में भी हलचल मची हुई है।
इस घोटाले से जुड़ी कई और गिरफ्तारियां संभावित हैं, और जांच एजेंसियां अब अन्य जनपदों में हुए कार्यों की भी जांच करने की तैयारी में हैं। फिलहाल पुलिस चारों अधिकारियों से रिमांड के दौरान विस्तृत पूछताछ कर रही है, जिससे घोटाले की पूरी परतें खुलने की उम्मीद है।