सीजी भास्कर28 जुलाई‘
नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र में आज लोकसभा में “ऑपरेशन सिंदूर” को लेकर जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। विपक्ष की ओर से बार-बार सवाल उठाया गया कि इस सैन्य ऑपरेशन में भारत के कितने विमान गिरे? इस पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बेहद सटीक और तीखा जवाब दिया, जिसने पूरे सदन को सोचने पर मजबूर कर दिया।
राजनाथ सिंह ने जवाब में कहा,
“अगर सवाल करना है, तो ये पूछिए कि जिन आतंकियों ने हमारी बहनों का सिन्दूर मिटाया, क्या हमारी सेनाओं ने उनके आकाओं को मिटाया? जवाब है – हां!”
विपक्ष पर करारा हमला
रक्षा मंत्री ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि,
“इस तरह के सवाल राष्ट्रीय भावना का सही प्रतिनिधित्व नहीं करते। जब लक्ष्य बड़ा हो – जैसे देश की सुरक्षा – तब छोटे नुकसान पर ध्यान केंद्रित करने की बजाय हमें यह देखना चाहिए कि हमने मकसद हासिल किया या नहीं।”
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर एक रणनीतिक और साहसी कदम था, और इसके परिणाम देश के हित में ऐतिहासिक रहे हैं।
“रिज़ल्ट मैटर करता है, न कि रास्ते की मुश्किलें”
राजनाथ सिंह ने विपक्ष की तुलना उन लोगों से की जो परीक्षा में बच्चे के नंबर की बजाय उसकी टूटी पेंसिल पर चर्चा करते हैं।
“अगर कोई बच्चा अच्छे मार्क्स लाता है, तो हमें उसका रिज़ल्ट देखना चाहिए, न कि परीक्षा के दौरान उसकी पेन खो गई थी या नहीं। ठीक उसी तरह, ऑपरेशन सिंदूर में हमारी सेनाओं ने अपने लक्ष्य 100% हासिल किए। यही सबसे अहम है।”
भारत की नीति – बुद्ध की, न कि युद्ध की
राजनाथ सिंह ने भारत की शांति नीति पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने कहा:
“भारत हमेशा अपने पड़ोसी देशों, खासकर पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण रिश्तों का पक्षधर रहा है। लाल बहादुर शास्त्री से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह से लेकर नरेंद्र मोदी तक – सभी प्रधानमंत्रियों ने दोस्ती की पहल की है।”
उन्होंने 2015 में प्रधानमंत्री मोदी की लाहौर यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की मूल प्रवृत्ति बुद्ध की है, न कि युद्ध की।