हैदराबाद, 23 जुलाई – त्योहार की खुशियां मातम में तब्दील हो गईं जब हैदराबाद के वनस्थलीपुरम आरटीसी कॉलोनी में एक ही परिवार के 13 लोग मटन खाने के बाद गंभीर रूप से बीमार हो गए। इस दर्दनाक घटना में 45 वर्षीय श्रीनिवास नामक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि बाकी 12 का इलाज अस्पताल में चल रहा है। इनमें से दो की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है।
जानकारी के अनुसार, घटना बोनालू उत्सव के दौरान की है जब परिवार ने मटन पकाया और खाया। उत्सव के बाद बचे हुए मटन को फ्रिज में रख दिया गया, जिसे अगले दिन दोबारा गर्म करके खाया गया। अनुमान है कि यह मटन पहले ही खराब हो चुका था, जिसके चलते परिवार के सभी सदस्यों को उल्टी, दस्त और तेज सिरदर्द जैसी समस्याएं होने लगीं।
मृतक श्रीनिवास तेलंगाना राज्य परिवहन निगम (TSRTC) में कंडक्टर के पद पर कार्यरत थे। स्वास्थ्य बिगड़ने पर उन्हें और बाकी बीमार सदस्यों को तुरंत एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान श्रीनिवास की मौत हो गई।
अस्पताल सूत्रों की मानें तो समय रहते इलाज नहीं होता, तो मामला और भी गंभीर हो सकता था। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आईपीसी की धारा 174 (संदिग्ध मृत्यु) के तहत केस दर्ज किया है और जांच शुरू कर दी है।
फूड सेफ्टी विभाग ने झाड़ा पल्ला
इस घटना को लेकर ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (GHMC) के फूड सेफ्टी विभाग ने स्पष्ट किया कि वे घरेलू मामलों की जांच के लिए अधिकृत नहीं हैं। उनका अधिकार सिर्फ होटल, ढाबा और रेस्तरां जैसे व्यावसायिक स्थानों तक ही सीमित है।
इस घटना से सबक:
त्योहारों की खुशियों को tragedy में बदलने से बचाने के लिए फूड सेफ्टी और जागरूकता बेहद जरूरी है।
बचे हुए खाने को दोबारा खाने से पहले उसकी गुणवत्ता की जांच ज़रूरी है।
मटन और अन्य नॉनवेज फूड जल्दी खराब होते हैं, इसलिए उन्हें अधिक समय तक स्टोर करना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।