सीजी भास्कर, 28 जून। सोशल मीडिया पर फर्जी टास्क और रिवॉर्ड के नाम पर ठगी करने वाले एक अंतर्राज्यीय गैंग का खुलासा हुआ है।
उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इस गिरोह के मास्टरमाइंड समेत तीन सदस्यों को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपियों ने सोशल मीडिया के ज़रिए अब तक देश भर के सैकड़ो लोगों से करोड़ों की ठगी की थी।
इस मामले में अमेठी निवासी आशीष विक्रम सिंह ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दी थी कि उन्हें फेसबुक (facebook) पर एक लिंक मिला जिससे जुड़े टेलीग्राम ग्रुप में टास्क देकर पैसे दुगुना करने का झांसा दिया गया।
शुरुआत में 10 हजार रुपये देने पर उन्हें छोटा रिवॉर्ड मिला लेकिन धीरे-धीरे लालच में आकर उन्होंने 13 लाख रुपये तक इस ठगी में गंवा दिए।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
शिवांश मिश्रा (22)- निवासी शहडोल एमपी मास्टर माइंड रवि सिंह (23)- निवासी शहडोल, एमपी मास्टरमाइंड का साथी उमाशंकर तिवारी (43)- निवासी भोपाल फर्जी बैंक खाते खुलवाने में सहयोगी।
गिरफ्तारी भोपाल के बागसेवनिया थाना क्षेत्र स्थित कुंजन नगर इलाके से की गई। इनके पास से 3 मोबाइल, 16 डेबिट कार्ड, 15 चेक बुक, 9 पासबुक, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, ID कार्ड और 359 साइबर ठगी से जुड़ी व्हाट्सऐप चैटिंग के स्क्रीनशॉट बरामद किए गए।
STF की जांच में सामने आया कि आरोपी सोशल मीडिया पर टास्क के बहाने लिंक भेजते थे जिससे लोग टेलीग्राम ग्रुप में जुड़ते थे। वहां पर फर्जी डमी वॉलेट बनाकर रिवॉर्ड दिखाए जाते थे।
धीरे-धीरे टास्क के नाम पर पीड़ितों से लाखों रुपये मंगाए जाते थे और जब वह पैसे निकालने की कोशिश करते थे तो अलग-अलग चार्ज और सिक्योरिटी के नाम पर और पैसे मांगे जाते थे।
फर्जी बैंक खाते खुलवाते थे
पूछताछ में शिवांश ने बताया कि वह और रवि बचपन के दोस्त हैं और भोपाल की एक यूनिवर्सिटी से बीफार्मा की पढ़ाई कर रहे हैं।
उन्होंने एक कॉल सेंटर में काम के दौरान जुबेर, सैफ और अनिल नायक से मिलकर यह नेटवर्क खड़ा किया।
ये लोग लोगों की आईडी लेकर फर्जी बैंक खाते खुलवाते और उसका पूरा किट अनिल और अमित नायक को सौंप देते जिससे इन खातों में आने वाले पैसे को निकालकर कमीशन में बांट लिया जाता था।
पिछले एक साल में करीब 200 बैंक खातों से की साइबर ठगी
उमाशंकर तिवारी ने भी बताया कि वह शिवांश का मामा है और उसके कहने पर ही वह खातों की व्यवस्था करता था।
अब तक की जांच में यह सामने आया है कि इस गैंग ने पिछले एक साल में करीब 200 बैंक खातों का इस्तेमाल साइबर ठगी के लिए किया है।
STF ने इनके कब्जे से मिले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है और गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। गिरफ्तार अभियुक्तों को ट्रांजिट रिमांड पर अमेठी लाया जा रहा है जहां उनके खिलाफ साइबर क्राइम थाना में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।