सीजी भास्कर, 29 सितंबर। सोने-चांदी के दाम सोमवार (29 सितंबर) को अपने नए ऑल टाइम हाई (Gold Price Hike) पर पहुंच गए हैं। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 2,030 रुपए बढ़कर 1,15,292 रुपए पर पहुंच गया है। इससे पहले ये 1,13,262 रुपए पर था। वहीं, चांदी भी 6,000 रुपए बढ़कर 1,44,100 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। इससे पहले ये 1,38,100 रुपए पर थी।
इस साल सोना ₹39,000 और चांदी ₹50,000 महंगी हुई
इस साल अब तक सोने की कीमत करीब 39,130 रुपए (Gold Price Hike) बढ़ी है। 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76,162 रुपए का था, जो अब 1,15,292 रुपए हो गया है। चांदी का भाव भी इस दौरान 58,083 रुपए बढ़ गया है। 31 दिसंबर 2024 को एक किलो चांदी की कीमत 86,017 रुपए थी, जो अब 1,44,100 रुपए प्रति किलो हो गई है।
1.55 लाख रुपए तक जा सकता है सोना Gold Price Hike
गोल्डमैन सैक्स की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, बैंक ने अगले साल तक सोने (Gold Price Hike) के लिए 5000 डॉलर प्रति औंस का टारगेट रखा है। मौजूदा एक्सचेंज रेट के हिसाब से रुपए में यह लगभग 1,55,000 रुपए प्रति 10 ग्राम होगा। ब्रोकरेज फर्म पीएल कैपिटल के डायरेक्टर संदीप रायचुरा ने कहा कि सोना 1,44,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है।
5 बड़े कारण, जिससे सोने में तेजी के आसार दिख रहे हैं…
- केंद्रीय बैंकों की खरीदारी : दुनियाभर के बड़े बैंक डॉलर पर निर्भरता कम करना चाहते हैं। इसलिए वे अपने खजाने में सोने का हिस्सा लगातार बढ़ाते जा रहे हैं।
असर: जब बड़े बैंक लगातार खरीदते हैं तो बाजार में सोने की मांग बनी रहती है और कीमत ऊपर जाती है। - ‘ट्रम्प फैक्टर’ और नीति-अनिश्चितता: अमेरिका की नीतियों को लेकर अनिश्चितता है। फेडरल रिजर्व पर दखल की बातें डॉलर-बॉन्ड बाजार को कमजोर करती हैं।
असर: निवेशक सुरक्षित निवेश ढूंढते हैं और सोने की ओर भागते हैं। इससे सोने की कीमतें बढ़ने लगती हैं। - क्रिप्टो से सोने की ओर रुख: क्रिप्टो में उतार-चढ़ाव और सख्त नियमों के डर से निवेशक पैसा सोने में लगा रहे हैं।
असर: पिछले कुछ समय के दौरान भारत में शेयर बाजार से कम रिटर्न ने भी सोने को आकर्षक बना दिया। मांग बढ़ते ही (Gold Price Hike) कीमतें चढ़ जाती हैं। - डीडॉलराइजेशन: कई देश डॉलर का इस्तेमाल कम करके अपने आर्थिक मॉडल बदल रहे हैं। अमेरिका पर कर्ज बढ़ रहा है और डॉलर कमजोर हो रहा है।
असर: डॉलर कमजोर होता है, तो सोने में तेजी आती है। - लॉन्ग-टर्म एसेट: सोना कभी भी पूरी तरह बेकार नहीं होता। यह नष्ट नहीं होता, सीमित मात्रा में है और महंगाई के समय अपनी कीमत बचा लेता है।
असर: लंबे समय में (Gold Price Hike) सोना रखना ज्यादातर फायदेमंद है।
