सीजी भास्कर, 26 जुलाई : राज्य सरकार ने प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए नया आदेश जारी किया है। इसके अनुसार कोई भी सरकारी कर्मचारी यदि स्वयं या अपने परिवार के किसी सदस्य के नाम से शेयर, सिक्योरिटीज, डिबेंचर्स या म्युचुअल फंड में निवेश करता है और यह लेन-देन दो माह के मूल वेतन से अधिक होता है, तो उसे निर्धारित प्राधिकारी को जानकारी देनी होगी। नए नियम के अनुसार अब से शेयर, प्रतिभूतियां (सिक्योरिटीज), डिबेंचर्स और म्युचुअल फंड्स को चल संपत्ति की श्रेणी में शामिल कर लिया गया है।
इस संबंध में छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 19 में संशोधन किया गया है। इससे पहले सरकार ने एक जुलाई को अधिसूचना जारी कर सरकारी कर्मचारियों को इंट्राडे ट्रेडिंग, क्रिप्टोकरेंसी की खरीदी और फ्यूचर-आप्शन ट्रेडिंग से प्रतिबंधित कर दिया था। अब नए नियमों के तहत यदि कोई कर्मचारी शेयर बाजार में लगातार लेन-देन करता है, तो यह आचरण नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।
यदि किसी कर्मचारी द्वारा एक कैलेंडर वर्ष के भीतर ऐसे निवेशों में कुल लेन-देन उसके छह माह के मूल वेतन से अधिक होता है, तो भी उसे अनिवार्य रूप से विहित प्राधिकारी को जानकारी देनी होगी। यह जानकारी निर्धारित प्रोफार्मा में प्रस्तुत करनी होगी।
बार-बार शेयरों की खरीद-बिक्री पर सरकार सख्त
राज्य सरकार ने बार-बार शेयरों की खरीद-बिक्री, जैसे इंट्राडे ट्रेडिंग, बीटीएसटी या फ्यूचर एंड आप्शन जैसी गतिविधियों पर सख्ती दिखाई है। सरकार का मानना है कि ये शासकीय सेवा के आचरण नियमों के विरुद्ध हैं। ऐसा करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।