सीजी भास्कर, 19 सितंबर। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) सिर्फ सड़कों का जाल नहीं बिछा रहा, बल्कि छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय राजमार्गों को ग्रीन कॉरिडोर (Green Corridor NHAI) में भी बदल रहा है। ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान के तहत इस साल प्राधिकरण ने रिकॉर्ड 2.71 लाख पौधे राजमार्गों के किनारे और डिवाइडर्स पर लगाए हैं। यह पहल विकास और पर्यावरण संरक्षण को साथ लेकर चलने की दिशा में अहम साबित हो रही है।
पौधरोपण से विकास और हरियाली साथ-साथ
अभियान के तहत रायपुर-विशाखापट्टनम (NH-130CD) परियोजना में सर्वाधिक 97,145 पौधे लगाए गए। वहीं महाराष्ट्र सीमा-दुर्ग-रायपुर-ओडिशा सीमा (NH-53) पर 46,141 पौधे, चांपा-कोरबा-कटघोरा (NH-149B) पर 23,020 पौधे और बिलासपुर-कटघोरा (NH-130) मार्ग पर 16,847 पौधे लगाए गए। इसके अलावा बिलासपुर-उरगा-पत्थलगांव (NH-130A) मार्ग पर 14,400 और सिमगा-रायपुर-धमतरी (NH-30) परियोजना में 5,406 पौधे रोपे गए।
रिप्लांटेशन पर भी जोर
NHAI अधिकारियों ने बताया कि नए पौधों के साथ-साथ रिप्लांटेशन पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। पिछले वर्षों में क्षतिग्रस्त पौधों की जगह 68,297 नए पौधे लगाए गए। इस तरह वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक (15 सितंबर तक) कुल 2,71,253 पौधरोपण पूरे किए जा चुके हैं।
डिवाइडर्स और किनारों पर हरियाली
राष्ट्रीय राजमार्गों के डिवाइडर्स पर जहां मीडियन प्लांटेशन किया गया, वहीं किनारों पर एवेन्यू प्लांटेशन के रूप में वृक्षारोपण किया गया है। इसमें बड़ी संख्या में फलदार और छायादार वृक्ष भी शामिल हैं। इस पहल से यात्री न केवल सुरक्षित और आरामदायक सफर का अनुभव करेंगे बल्कि हरियाली और स्वच्छ वातावरण भी पाएंगे।
अधिकारियों का कहना
क्षेत्रीय अधिकारी प्रदीप कुमार लाल के अनुसार, NHAI का ग्रीन कॉरिडोर (Green Corridor NHAI) केवल सड़क निर्माण का हिस्सा नहीं है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक पर्यावरणीय निवेश है। उनका कहना है कि इस पहल का मकसद सड़कों के साथ-साथ स्वच्छ और सुंदर पर्यावरण का निर्माण करना है। यह पहल छत्तीसगढ़ को देश के उन अग्रणी राज्यों की कतार में खड़ा कर रही है, जहां विकास और पर्यावरण संरक्षण साथ-साथ चल रहे हैं। सड़क निर्माण अब सिर्फ यातायात सुविधा नहीं, बल्कि एक हरित और संतुलित भविष्य की ओर भी कदम है।