सीजी भास्कर, 22 सितंबर। कांग्रेस ने जीएसटी (GST Reforms) सुधारों के लागू होने की पूर्व संध्या पर पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि आठ साल में 55 लाख करोड़ रूपए वसूलने का घाव देने के बाद सुधारों का यह कदम उठाया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने “नौ सौ चूहे खाकर, बिल्ली हज को चली” कहावत का सहारा लेते हुए सरकार से इसको लेकर माफी मांगने की मांग की। वहीं पार्टी के संचार महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि जीएसटी सुधार (Congress Criticism) का कदम जीएसटी काउंसिल ने लिया है जो एक संवैधानिक निकाय है, मगर प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में संशोधनों का पूरा श्रेय खुद लेने की कोशिश की।
पीएम के संबोधन के बाद खरगे ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी जी, आपकी सरकार ने कांग्रेस (GST Reforms) के सरल और कुशल जीएसटी के बजाय, अलग-अलग नौ स्लैब से वसूली कर “गब्बर सिंह टैक्स” लगाया और आठ साल में 55 लाख करोड़ रुपए से ज़्यादा वसूले। अब आप 2.5 लाख करोड़ रूपए के “बचत उत्सव” की बात कर के जनता को गहरे घाव देने के बाद मामूली बैंड ऐड लगाने की कोशिश कर रहे हैं। खरगे ने आरोप लगाया कि जनता कभी नहीं भूलेगी कि सरकार ने उनके दाल-चावल-अनाज, पेंसिल, किताबें, इलाज और किसानों के ट्रैक्टर तक से जीएसटी वसूला। (Tax Policy)
आपकी सरकार को जनता से माफी मांगनी चाहिए
जयराम रमेश ने पीएम के संबोधन के बाद बयान जारी कर कहा कि कांग्रेस लंबे समय से यह तर्क देती आई है कि जीएसटी (GST Reforms) वास्तव में “ग्रोथ सप्रेसिंग टैक्स” है। बड़ी संख्या में टैक्स स्लैब, आम उपभोग की वस्तुओं पर दंडात्मक कर दरें, बड़े पैमाने पर चोरी और गलत वर्गीकरण, महंगी औपचारिकताओं का बोझ और एक उल्टा शुल्क ढांचा जैसी समस्याओं ने व्यापारियों और जनता दोनों को परेशान किया है। इसलिए कांग्रेस ने जुलाई 2017 से ही जीएसटी 2.0 की मांग की और इसे लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपने न्याय पत्र में एक प्रमुख वादा भी बनाया। जयराम ने कहा कि वर्तमान जीएसटी सुधार (Economic Impact) इसलिए अधूरे प्रतीत होते हैं क्योंकि अब भी कई लंबित मुद्दों का समाधान होना बाकी है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि अर्थव्यवस्था में प्रमुख रोजगार सृजनकर्ता एमएसएमई की व्यापक चिंताओं का समाधान आवश्यक है। बड़े प्रक्रियात्मक परिवर्तनों के अलावा इसमें अंतरराज्यीय आपूर्ति पर लागू होने वाली सीमाओं को बढ़ाना शामिल होना चाहिए। जयराम ने कहा कि एमएसएमई की समस्याओं के समाधान के बिना सुधारों का वास्तविक लाभ नहीं मिलेगा। (MSME Concerns)
विभिन्न सेक्टरों की मांगों को नजरअंदाज किया गया
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि इसके साथ ही विभिन्न क्षेत्रों जैसे वस्त्र, पर्यटन, निर्यातक, हस्तशिल्प और कृषि इनपुट से जुड़े मुद्दों का समाधान भी किया जाना चाहिए। राज्यों को राज्य-स्तरीय जीएसटी लागू करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा ताकि बिजली, शराब, पेट्रोलियम और रियल एस्टेट को भी इसके दायरे में लाया जा सके। जयराम ने राज्यों के आर्थिक हित सुरक्षित रखने के लिए उनके राजस्व की पूरी सुरक्षा के साथ मुआवजे को और पांच वर्षों तक बढ़ाने की जरूरत बताई। साथ ही कहा कि यह देखना अभी बाकी है कि आठ साल की देरी से आए इन जीएसटी संशोधनों (GST Reforms) से वास्तव में निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा या नहीं।