मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गठित नई कैबिनेट ने संभाली कमान
छह पुराने चेहरों को भी मिला मौका, युवाओं और नए क्षेत्रों को दी गई प्राथमिकता
2027 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया गया बड़ा राजनीतिक संतुलन
सीजी भास्कर, 17 अक्टूबर। गुजरात की राजनीति में शुक्रवार को बड़ा बदलाव देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अगुवाई में नई मंत्रिपरिषद (Gujarat Cabinet Expansion 2025) ने गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में शपथ ली। इस शपथ ग्रहण समारोह में कुल 26 नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। सबसे खास बात यह रही कि इस नई टीम में युवा नेता हर्ष सांघवी को उपमुख्यमंत्री (डिप्टी सीएम) बनाया गया है, जबकि रिवाबा जडेजा समेत कई नए चेहरे पहली बार सरकार में शामिल किए गए हैं।
राज्यपाल की उपस्थिति में आयोजित इस समारोह में भाजपा नेतृत्व ने साफ संकेत दिया कि आने वाले 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू हो चुकी है। इस बार की कैबिनेट में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन को विशेष महत्व दिया गया है, ताकि समाज के हर वर्ग का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके। कुल छह पुराने चेहरों को दोबारा मौका मिला है, जबकि बीस नए नेताओं को टीम में शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की नई टीम में त्रिकम छंग, स्वरूपजी ठाकोर, प्रवीण माली, पीसी बरंडा, दर्शन वाघेला, कांतिलाल अमृतिया, अर्जुन मोढवाडिया, प्रद्युम्न वाजा, कौशिक वेकारिया, जीतेंद्रभाई वाघानी, रमनभाई सोलंकी, कमलेशभाई पटेल, संजय सिंह महिदा, रमेशभाई कटारा, प्रफुल्ल पंसेरिया, मनीषा वकील, ईश्वरसिंह पटेल, डॉ. जयरामभाई गामित और नरेशभाई पटेल जैसे नेता शामिल हैं। इनमें कई नए विधायक भी हैं जिन्होंने हाल ही में भाजपा में शामिल होकर पार्टी को नई ऊर्जा दी है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह (Gujarat Cabinet Expansion 2025) सिर्फ एक कैबिनेट विस्तार नहीं, बल्कि पार्टी संगठन और शासन दोनों के बीच नई ऊर्जा का संक्रमण है। भाजपा ने युवाओं और क्षेत्रीय संतुलन को प्राथमिकता देते हुए संकेत दिया है कि वह अगले चुनाव में भी “परफॉर्मेंस और परसेप्शन” दोनों को ध्यान में रखेगी।
सूत्रों के अनुसार, इस टीम में पूर्व कांग्रेस नेताओं को भी शामिल किया गया है, जिन्होंने पार्टी बदलने के बाद संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूती दी है। यह कदम भाजपा के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” मंत्र को राजनीतिक रूप से मजबूत करने का हिस्सा माना जा रहा है।
मंत्रिपरिषद गठन के इस बड़े फेरबदल को भाजपा के रणनीतिकारों ने “2027 मिशन ब्लूप्रिंट” के रूप में तैयार किया है। इससे जहां युवा चेहरों को नेतृत्व का अनुभव मिलेगा, वहीं अनुभवी नेताओं के मार्गदर्शन से सरकार की प्रशासनिक क्षमता भी और मजबूत होगी।
इस फेरबदल से स्पष्ट है कि पार्टी अब गुजरात की राजनीति को नई दिशा देने की तैयारी में है। राज्य के हर क्षेत्र से प्रतिनिधित्व देकर भाजपा ने यह संदेश दिया है कि उसकी प्राथमिकता “संगठन और समाज दोनों में समान भागीदारी” है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह का राजनीतिक रीसेट (Gujarat Cabinet Expansion 2025) भाजपा को न केवल आंतरिक मजबूती देगा, बल्कि विपक्ष के लिए भी नए समीकरण खड़े करेगा। अब देखना यह होगा कि नई टीम जनता की अपेक्षाओं पर कितनी खरी उतरती है।