सीजी भास्कर, 29 सितंबर। यह बात हम सभी ने सुनी है कि हमारी मेंटल हेल्थ हमारी फिजिकल हेल्थ से जुड़ी है लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके दिल की सेहत का भी आपके दिमाग से कनेक्शन होता है। वास्तव में पिछले कुछ सालों में हुईं कई रिसर्च यह बताती हैं कि खराब मानसिक स्वास्थ्य (Heart Day 2025) दिल की बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकता है।
भारत में कहावत है कि चिंता चिता समान होती है। हालांकि यह काफी पुरानी है लेकिन विज्ञान इसे आज के समय में बहुत प्रासंगिक मानता है। चिंता को इंग्लिश में Anxiety कहते हैं जो आजकल काफी सामान्य और बढ़ती हुई समस्या है। चाहे वह काम का दबाव हो, इकॉनमिक क्राइसिस या फिर व्यक्तिगत चुनौतियां, हमारा मन अक्सर ऐसा महसूस करता है जैसे वह लगातार दौड़ रहा हो। थोड़ी चिंता-फिक्र होना सामान्य है लेकिन लगातार होने वाली एंजाइटी हमारी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती है, खासकर हमारे दिल पर (Heart Day 2025)। इसलिए हर किसी को मेंटल हेल्थ को गंभीरता से लेना चाहिए।
क्या कहते हैं वैज्ञानिक
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन तनाव और चिंता को दिल की बीमारियों के इनडायरेक्ट कारणों में गिनता है। हालांकि आपके मन को शांत करने और साथ ही दिल की रक्षा करने के कुछ आसान तरीके भी मौजूद हैं। इनमें एक तरीका है माइंडफुलनेस। ध्यान से जुड़ी यह पुरानी तकनीक, चिंता कम करने और ओवरऑल हेल्थ को बढ़ावा देने के लिए असरदार उपाय (Heart Day 2025) के रूप में पॉपुलर हो रही है।
हाईलाइट्स
माइंडफुलनेस और ध्यान से दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।
बॉडी स्कैन और माइंडफुल वॉक से तनाव और एंजाइटी दूर होती है।
मानसिक स्वास्थ्य का सीधा असर दिल की सेहत (Heart Day 2025) पर पड़ता है।
दिल को स्वस्थ रखने के लिए माइंडफुलनेस टिप्स
ध्यान से सांस लें
सांस लेना माइंडफुलनेस के सबसे सरल और प्रभावी तरीकों में से एक है। चिंता के दौरान हमारी सांस अक्सर धीमी या तेज हो जाती है जिससे दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। अपनी सांस को धीमा करने से शरीर का ‘रेस्ट एंड डाइजेस्ट’ रिस्पॉन्स सक्रिय होता है।
- माइंडफुल वॉक अपनाएं
अगर आपको ध्यान के लिए बैठना कठिन लगता है तो माइंडफुल वॉक करें। यह शारीरिक गतिविधि और माइंडफुलनेस प्रैक्टिस दोनों का लाभ देता है। 10-15 मिनट शांत वातावरण में चलना आपके दिल और दिमाग दोनों को सुकून पहुंचाता है (Heart Day 2025)।