सीजी भास्कर, 19 अप्रैल। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट (HIGH COURT BILASPUR) ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, बिलासपुर द्वारा कर्मचारियों की सेवा समाप्ति को अवैध करार देते हुए उसे निरस्त कर दिया है। न्यायमूर्ति ए.के. प्रसाद की एकलपीठ ने यह फैसला सुनाया। यह आदेश पंकज कुमार तिवारी सहित अन्य कर्मचारियों की याचिकाओं पर सुनाया गया, जिनकी सेवा बिना समुचित जांच प्रक्रिया के समाप्त कर दी गई थी।
मामला क्या है (HIGH COURT BILASPUR)
14 जून 2014 को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक द्वारा विभिन्न पदों के लिए भर्ती विज्ञापन जारी किया गया था।
याचिकाकर्ता पंकज कुमार तिवारी ने समिति प्रबंधक पद के लिए आवेदन किया था। चयन प्रक्रिया में सफल होने के बाद उन्हें 14 फरवरी 2015 को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया और 13 मार्च 2015 को उन्होंने कार्यभार ग्रहण किया।
शिकायत और जांच (HIGH COURT BILASPUR)
बाद में एक शिकायतकर्ता दुर्गेश राजपूत द्वारा भर्ती प्रक्रिया को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई। इस पर संभागायुक्त के निर्देश पर जांच समिति का गठन किया गया। जांच रिपोर्ट के आधार पर बैंक प्रबंधन ने 4 नवंबर 2015 को पंकज तिवारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया। नोटिस का जवाब देने के बावजूद 23 नवंबर 2015 को उनकी सेवा समाप्त कर दी गई।
अपीलों का सिलसिला (HIGH COURT BILASPUR)
पंकज तिवारी ने इस निर्णय को चुनौती देते हुए सबसे पहले संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं रायपुर के समक्ष वाद प्रस्तुत किया, जिसने सेवा समाप्ति को सही ठहराया। इसके विरुद्ध छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी अधिकरण, बिलासपुर में अपील की गई, परंतु वहां भी अपील खारिज कर दी गई।
इसके बाद पंकज तिवारी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और घनश्याम कश्यप के माध्यम से दाखिल याचिका में यह तर्क रखा गया कि पूरी चयन प्रक्रिया नियमों के अनुसार हुई थी। नियुक्ति के समय समस्त प्रमाणपत्रों की जांच की गई थी, और कार्यभार ग्रहण भी पूर्ण औपचारिकताओं के साथ किया गया था।
न्यायालय की टिप्पणी (HIGH COURT BILASPUR)
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि शिकायत की जांच एकतरफा थी, और बिना उचित सुनवाई के कार्रवाई की गई। साथ ही यह भी कहा गया कि आयुक्त राजस्व को जांच का अधिकार नहीं था, इस आधार पर पूरी सेवा समाप्ति प्रक्रिया प्रशासनिक त्रुटियों से ग्रसित थी।
इन सभी तथ्यों पर विचार करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने पंकज कुमार तिवारी सहित कुल 11 कर्मचारियों की याचिकाएं स्वीकार कीं, जिनमें मोहम्मद इमरान खान, चंदन प्रताप सिंह, सीमा देवांगन, चंचल कुमार दुबे, चंद्रशेखर कुर्रे, लेखा कश्यप, भूपेंद्र राठौर, नरेंद्र कुमार मिश्रा, अमित पटेल आदि शामिल हैं।