सीजी भास्कर, 23 सितंबर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने दो अलग-अलग करंट हादसों में मासूम बच्चों की मौत पर स्वतः संज्ञान (High Court Notice Chhattisgarh) लेकर राज्य सरकार से कड़ी जवाबदेही तय करने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बी.डी. गुरु की डिवीजन बेंच ने सोमवार को मामले की सुनवाई की। गौरतलब है कि, पहले प्रकाशित दो खबरों– आंगनबाड़ी सेंटर में बच्चे की करंट से मौत और खेत में करंट लगने से बच्ची की मौत के मामलों को कोर्ट ने जनहित याचिका में शामिल किया है।
मुख्य सचिव ने पेश किया हलफनामा
राज्य सरकार की ओर से मुख्य सचिव ने 13 सितम्बर के आदेश के पालन में व्यक्तिगत हलफनामा (High Court Notice Chhattisgarh) कोर्ट में जमा किया। इसमें दोनों घटनाओं से संबंधित विस्तृत जानकारी और अब तक की कार्रवाई की रिपोर्ट दी गई।
कोंडागांव आंगनबाड़ी हादसा
कोंडागांव के पदेली में आंगनबाड़ी केंद्र में करंट से एक मासूम की मौत हुई थी। जांच में पाया गया कि मीटर से आने वाली लाइन चैनल गेट से क्षतिग्रस्त हो गई थी। इसके चलते गेट करंटयुक्त हो गया। इस लापरवाही पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को 11 सितम्बर को बर्खास्त कर दिया गया, वहीं पर्यवेक्षक को निलंबित कर दिया गया। मृतक के परिवार को एक लाख रुपये की सहायता राशि (High Court Notice Chhattisgarh) स्वीकृत की गई है। सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि आंगनबाड़ी केंद्रों में विद्युत तारों और फिटिंग की जांच कर रिपोर्ट दें।
गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही की घटना
गांव करगीकला में एक खेत में करंट लगने से बच्ची की मौत (High Court Notice Chhattisgarh) हुई। जांच में पाया गया कि भूमि मालिक स्वरूप सिंह ध्रुव ने झटका मशीन लगाकर खेत की बाड़ को करंटयुक्त किया था। मशीन खराब होने से एसी करंट का प्रवाह बना रहा और हादसा हो गया। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ अपराध दर्ज किया। मृतक की मां को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि स्वीकृत की गई।
बिजली कंपनी पर जिम्मेदारी
शासन की ओर से बताया गया कि छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने पहले भी अवैध कनेक्शन रोकने और दुर्घटनाओं से बचाव (High Court Notice Chhattisgarh) के लिए आदेश दिए थे। अब 17-18 सितम्बर को नए आदेश जारी कर अवैध कनेक्शन रोकने, एफआईआर दर्ज करने और कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने की कार्रवाई की गई है।
हाई कोर्ट के निर्देश
कोर्ट ने दोनों हादसों को गंभीर लापरवाही मानते हुए राज्य सरकार और बिजली कंपनी को भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए ठोस कदम उठाने (High Court Notice Chhattisgarh) के निर्देश दिए। अगली सुनवाई 7 नवम्बर 2025 को होगी।