सीजी भास्कर, 20 अगस्त। (छत्तीसगढ़) हाथी के हमले से हुई मौत का मामला इस समय सुर्खियों में है। जशपुर जिले में मौत का मुआवजा देने की बारी आई तो वन विभाग के सामने अजीब समस्या खड़ी हो गई।
मृतक सालिक राम टोप्पो की मौत के बाद उसके दावे के लिए 6 महिलाएं खुद को उसकी पत्नी बताकर सामने आ गईं।
अब सवाल यह है कि मुआवजा किसे दिया जाए।
मामला कहाँ का है?
घटना पत्थलगांव वन परिक्षेत्र के बालाझर चिमटा पानी गांव की है।
कुछ दिन पहले हाथी के हमले में सालिक राम टोप्पो की मौत हो गई थी।
नियमों के अनुसार मृतक के परिवार को शासन की ओर से मुआवजा मिलना था। लेकिन जब वन विभाग दफ्तर में एक नहीं बल्कि छह महिलाएं अपने बच्चों के साथ पहुंचीं और खुद को सालिक राम की पत्नी बताया, तो अधिकारी भी हैरान रह गए।
सालिक राम की 6 शादियाँ और बच्चे
जानकारी के मुताबिक, सालिक राम ने अलग-अलग समय पर 6 महिलाओं से विवाह किया था।
- वह हर पत्नी के साथ 2 से 3 साल तक रहा।
- इस दौरान उसके सभी पत्नियों से बच्चे भी हुए।
- हादसे से पहले वह अपनी एक पत्नी और बेटे भागवत टोप्पो के साथ चिमटा पानी गांव में रह रहा था।
मुआवजे को लेकर टकराव
वन विभाग ने सभी महिलाओं से कहा है कि वे शादी से जुड़े प्रमाण पेश करें, ताकि असली पत्नी की पहचान हो सके।
अब जब मुआवजे की रकम की बात आई तो सभी पत्नियां वन विभाग के दफ्तर पहुंच गईं और मुआवजा अपने नाम दिलाने की मांग करने लगीं।
वन विभाग की प्रतिक्रिया
वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि—
हाथी के हमले में मृतक परिवार को जनहानि मुआवजा देने की प्रक्रिया जारी है। मृतक सालिक राम की 6 महिलाएं दफ्तर पहुंची हैं और सभी दावा कर रही हैं कि वे उसकी पत्नी हैं। आगे की कार्रवाई पंचायत सरपंच की सहमति और जांच के बाद ही होगी।”
फिलहाल, विभाग ने सभी महिलाओं को दस्तावेज लाने का समय दिया है।
जो महिला वैध प्रमाण प्रस्तुत कर पाएगी, उसी के नाम पर मुआवजा राशि स्वीकृत की जाएगी।