सीजी भास्कर 13 अगस्त
रायपुर/नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देशभर के कई नगर निगमों द्वारा बूचड़खानों और मांस की दुकानों को बंद करने के आदेश ने राजनीतिक और सामाजिक बहस को हवा दे दी है। खासतौर पर ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) का यह फैसला AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के निशाने पर आया है।
ओवैसी ने कहा- यह असंवैधानिक
असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया पर अपने बयान में कहा कि “ग्रेटर हैदराबाद सहित देश के कई नगर निगमों ने 15 अगस्त को बूचड़खाने और मांस की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया है। यह असंवैधानिक है। मीट खाने और स्वतंत्रता दिवस मनाने का कोई संबंध नहीं है। यह आदेश लोगों की आजादी, प्राइवेसी, आजीविका, संस्कृति और धर्म के अधिकार का उल्लंघन करता है।”
महाराष्ट्र में पवार और ठाकरे ने जताया विरोध
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि इस तरह का बैन केवल धार्मिक अवसरों जैसे महाशिवरात्रि, आषाढ़ी एकादशी पर लगाया जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस या महाराष्ट्र दिवस पर मांस पर रोक लगाना उचित नहीं है।
पवार ने कहा, “महाराष्ट्र में लोग शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का भोजन करते हैं। बड़े शहरों में विभिन्न धर्मों और जातियों के लोग रहते हैं। ऐसे मामलों को भावनात्मक आधार पर नहीं चलाया जा सकता।”
इसी तरह शिवसेना (UBT) विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा कि कल्याण-डोंबिवली नगर निगम द्वारा मांस दुकानों को बंद करने का आदेश पूरी तरह अनुचित है। ठाकरे ने कहा, “हमारे घर में नवरात्रि में भी झींगा और मछली शामिल होती है। स्वतंत्रता दिवस पर हमें यह नहीं बताया जा सकता कि हम क्या खाएं। यह हमारा अधिकार है और हमारी स्वतंत्रता है।”
विवाद बढ़ा, आदेश पर सवाल
15 अगस्त के मौके पर मांस दुकानों को बंद करने के फैसले ने नागरिकों और नेताओं में असंतोष पैदा कर दिया है। इस आदेश को लागू करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी और निर्णय पर भी सवाल उठने लगे हैं।