Indian Army drone deal : हैदराबाद स्थित बिट्स पिलानी के दो इंजीनियरिंग के छात्रों ने देश के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने ऐसा लड़ाकू ड्रोन बनाया है, जिसके प्रदर्शन से भारतीय सेना न केवल प्रभावित हुई है बल्कि उसे खरीदा भी है। बिट्स पिलानी परिसर के एक हास्टल से शुरू हुए स्टार्टअप ‘अपोलियन डायनेमिक्स’ ने सेना को स्वदेशी लड़ाकू ड्रोन की आपूर्ति शुरू कर दी है। दोनों छात्रों ने दो महीने पहले ही एक साधारण प्रोटोटाइप विनिर्माण इकाई के रूप में इस स्टार्टअप की स्थापना की थी और इतने कम समय में उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है।
अजमेर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र जयंत खत्री और कोलकाता के इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग के छात्र शौर्य चौधरी ने स्टार्टअप की स्थापना की (Indian Army drone deal)है। उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वे इस ऊंचाई तक पहुंचेंगे कि वे जम्मू, हरियाणा के चंडीमंदिर, बंगाल के पानागढ़ और अरुणाचल प्रदेश में सेना की इकाइयों को मानव रहित वाहन (यूएवी) की आपूर्ति करेंगे।
जयंत ने मंगलवार को बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे वैश्विक संघर्षों के मद्देनजर वे आधुनिक युद्ध में ड्रोन की महत्वपूर्ण भूमिका से प्रभावित हुए। उनके शैक्षणिक संस्थान ने उनके स्टार्टअप को केंद्र से आठ लाख रुपये का अनुदान दिलाने में मदद की। उन्होंने बताया कि वे कम से कम दो महीने तक मौजूदा आर्डर की आपूर्ति में व्यस्त रहेंगे। हालांकि जयंत ने बिक्री का विवरण साझा करने से इन्कार कर दिया। इस आत्मघाती ड्रोन की गति 300 किमी प्रति घंटा से अधिक है और एक किलोग्राम तक के पेलोड को उच्च सटीकता के साथ ले जाने में सक्षम है।
जयंत और शौर्य ने बताया कि गत अप्रैल में ‘अपोलियन डायनेमिक्स’ स्टार्टअप शुरू करने का विचार आया और मई के आखिर में चंडीगढ़ में सफल सजीव प्रदर्शन के बाद डिफेंस सप्लाई इकोसिस्टम में कदम रखा। प्रदर्शन के दौरान स्टार्टअप ने अपने ड्रोन की गति, क्षमता और अन्य खूबियों को साबित किया। उन्होंने बताया कि ड्रोन के प्रदर्शन से प्रभावित होकर कई इकाइयों ने आर्डर दिए हैं।