सीजी भास्कर, 8 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के डभरा ब्लाक के ग्राम उच्च पिंडा में स्थित आरकेएम पावर प्लांट में मंगलवार की रात को एक बड़ा हादसा (Industrial Accident) हो गया। प्लांट में मरम्मत कार्य के दौरान मजदूरों को लेकर जा रही लिफ्ट अचानक टूटकर नीचे गिर गई, जिससे तीन मजदूरों की मौत हो गई और सात से अधिक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई और मजदूरों में भारी आक्रोश फैल गया।
जानकारी के अनुसार मजदूर बॉयलर मशीन की मरम्मत के लिए ऊंचाई पर जा रहे थे। इसी दौरान अचानक लिफ्ट का स्टील वायर टूट गया और लिफ्ट नीचे आ गिरी। घटना इतनी भीषण थी कि दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। गंभीर रूप से घायल मजदूरों को तत्काल नजदीकी अस्पताल भेजा गया, जहां कुछ की हालत नाजुक बताई जा रही है। हादसे (Industrial Accident) की सूचना मिलते ही एडिशनल एसपी हरीश यादव पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।
उन्होंने बताया कि “लिफ्ट टूटने से तीन मजदूरों की मौत हुई है और सात से अधिक घायल हैं। सभी घायलों को उपचार के लिए भेजा गया है। मौके पर शांति बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है।” स्थानीय लोगों का कहना है कि हादसे के बाद प्लांट परिसर में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई और राहत-बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया।
लापरवाही के कारण हुआ हादसा
स्थानीय मजदूरों ने आरोप लगाया है कि पावर प्लांट प्रबंधन की गंभीर लापरवाही के कारण यह हादसा (Industrial Accident) हुआ है। बताया जा रहा है कि लिफ्ट की नियमित तकनीकी जांच लंबे समय से नहीं की गई थी और सुरक्षा उपकरणों की स्थिति भी संतोषजनक नहीं थी।
घटना के बाद प्लांट प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है और मजदूर सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। मजदूर संगठन के नेताओं ने कहा है कि बार-बार सुरक्षा को लेकर शिकायतों के बावजूद प्रबंधन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके कारण यह दर्दनाक घटना घटित हुई। उन्होंने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई और पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा देने की मांग की है।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू
फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और हादसे (Industrial Accident) के कारणों की विस्तृत पड़ताल की जा रही है। पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि तकनीकी विशेषज्ञों की सहायता से लिफ्ट की जांच कराई जाएगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह यांत्रिक खराबी थी या रखरखाव में लापरवाही का परिणाम।
वहीं, प्रशासन ने मृतकों के स्वजन को सहायता राशि देने और घायलों के बेहतर इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। जिला कलेक्टर ने संबंधित विभागों को सुरक्षा मानकों की तत्काल समीक्षा करने के आदेश दिए हैं। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में शोक और गुस्से का माहौल है, जबकि मजदूर संगठनों ने कहा है कि अगर दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे प्रदर्शन करेंगे। यह (Industrial Accident) हादसा न केवल पावर सेक्टर में सुरक्षा प्रबंधन पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे तकनीकी जांच और सुरक्षा उपायों की अनदेखी जानलेवा साबित हो सकती है।