सीजी भास्कर, 03 अगस्त। DPS विवाद शुक्रवार को अचानक से फिर चर्चा में आया जब सुबह 10 बजे से सैकड़ों गार्जियन देलही पब्लिक स्कूल रिसाली के मेन गेट पर जमा हो गए। 3 से 4 घंटे गहमागहमी भरे वातावरण में जम्बो चर्चा हुई तो निष्कर्ष निकला की तथाकथित फिजिकल एब्यूज की घटना जब हुई ही नहीं तो ऐसा घेराव व आक्रोश क्यों..?
एसपी ने जितेन्द्र शुक्ला ने मामले पर आधिकारिक बयान दे दिया कि ऐसी कोई घटना सिर्फ और सिर्फ सोशल मीडिया पर एक प्रोपेगेंडा के तहत प्रचारित प्रसारित की जा रही है। दुर्ग पुलिस ने संज्ञान में लेकर सतही जांच की, हर पहलु को टटोला परिणाम शून्य रहा क्योंकि कोई घटना हुई ही नहीं। प्रामाणिक रूप से पुलिस के पास बच्ची, उसके गार्जियन, स्कूल मैनेजमेंट, टीचर्स और डाक्टर तक के बयान हैं जो कहते हैं कि फिजिकल एब्यूज जैसा कोई मामला ही नहीं है।
डीपीएस के प्रिंसिपल प्रशांत वशिष्ठ ने कल मीडिया के सामने एक और बड़ा खुलासा किया कि इस साजिशन मामले की शुरूआत रायपुर से हुई, वहीं से सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाते हुए उसे भिलाई में परोसा गया है। प्रिंसिपल का बड़ा आरोप यह है कि शासन की एक लेडी अफसर भी इसमें इन्वाल्व है। प्रिंसिपल वशिष्ठ ने कहि कि हमने घटना दिवस की पूरी वीडियो फुटेज देखी है, बच्ची के विद्यालय में आने से लेकर जाने तक का पूरा वीडियो फुटेज है। घटना दिवस बाल पासिंग गेम जो कि ट्रायंगल में चल रहा था, उसमें खेलते खेलते बच्ची को उल्टी आई जिसे साफ कर अटेंडेंट ने उसे क्लास रूम में बिठा दिया, उसके बाद बच्ची जो है अपने क्लास रूम से बाहर नहीं निकली है। जब विद्यालय का समय खत्म हुआ तब क्लास टीचर ने बच्ची को साथ ले जाकर बस तक छोड़ा है।
प्रिंसिपल ने कहा कि एक लेडी अधिकारी हैं जो कि बराबर इस मामले का भ्रम फैला चीज को हवा देने में लगी हुई हैं। इसकी शुरुआत रायपुर से हुई वहीं से मीडिया को एक्टिवेट किया गया, फील्डिंग की गई उसके बाद ये दुष्प्रचार जो है दुर्ग में फैला है।प्रिंसिपल ने बताया कि उन्होंने अफसर के खिलाफ लिखित शिकायत नहीं की है लेकिन अगर प्रशासन इस मामले की जांच करता है तो वो पूरा सहयोग करने तैयार हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जिस बच्ची को लेकर यह मामला प्रचारित किया जा रहा है, उसके पैरेंट्स ने विवाद से खुद को अलग रखते हुए बच्ची की टीसी भी मांगी, जिन्हें उन्होंने समझाइश देकर रोका है।
कुल मिलाकर डीपीएस का विवाद इन दिनों भिलाई, दुर्ग, रायपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में चर्चा का विषय बना हुआ है। मामले को लेकर पैरेंट्स की राय, सोशल मीडिया पर चल रही बातें, पुलिस जांच और प्रिंसिपल का बयान इस मामले को किस दिशा में ले जाएगा, यह बता पाना फिलहाल संभव नहीं मगर इन सब के बीच यह तो तय है कि तथाकथित फिजिकल एब्यूज की घटना को लेकर अधिकांश पैरेंट्स अपने बच्चों की सैफ्टी को लेकर हैरान परेशान हैं। तभी हजारों की संख्या में लोग इस मामले को क्लियर करने शुक्रवार को स्कूल पहुंच गए थे। तमाम पहलुओं पर घंटों बात होने के बाद भी सभी लोग कश्मकश भरे सवालों को जेहन में ले घर जरूर लौट आए हैं मगर इस बीच स्कूल मैनेजमेंट पर उनका डगमगाता विश्वास चेहरे की शिकन पर साफ दिखाई पड़ रहा है।