हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी IPS Puran Kumar Suicide Case (वाई. पूरन कुमार आत्महत्या मामला) अब गहराते विवाद का रूप ले चुका है।
मौत के पांच दिन गुजर जाने के बाद भी अब तक न तो उनका पोस्टमार्टम हो पाया है और न ही अंतिम संस्कार।
आईपीएस अधिकारी का शव अभी भी अस्पताल की मॉर्च्यूरी में रखा है, जबकि परिजन न्याय मिलने तक किसी भी तरह की अंतिम प्रक्रिया से इनकार कर रहे हैं।
IAS पत्नी अमनीत पी. कुमार की सख्त शर्त
इस पूरे IPS Puran Kumar Suicide Case में मृत अधिकारी की पत्नी और हरियाणा सरकार में कार्यरत आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार (Amneet P. Kumar) ने स्पष्ट कहा है कि जब तक सुसाइड नोट में दर्ज नामों पर कार्रवाई नहीं होती, वे अपने पति का अंतिम संस्कार नहीं करेंगी।
अमनीत की मांग है कि जिन अधिकारियों के नाम उस नोट में दर्ज हैं, उन्हें एफआईआर के सस्पेक्ट कॉलम में शामिल किया जाए और जांच निष्पक्ष हो।
5 दिनों से मॉर्च्यूरी में पड़ा है शव
पूरन कुमार का शव बीते पांच दिनों से मॉर्च्यूरी (Mortuary) में रखा हुआ है।
शनिवार को शव को पोस्टमार्टम के लिए पीजीआई लाया गया, लेकिन परिवार ने अनुमति देने से इनकार कर दिया।
अमनीत का कहना है कि जब तक वास्तविक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, वे किसी भी मेडिकल प्रक्रिया की मंजूरी नहीं देंगी।
उनका कहना है — “हम न्याय चाहते हैं, सिर्फ रिपोर्ट नहीं।”
IAS एसोसिएशन ने दिया समर्थन
इस बीच हरियाणा IAS एसोसिएशन ने भी इस मामले में राज्य सरकार और प्रशासन से संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई करने की अपील की है।
एसोसिएशन ने कहा है कि अमनीत पी. कुमार द्वारा मुख्यमंत्री और पुलिस विभाग को भेजे गए पत्रों में जिन मुद्दों का जिक्र है, उनकी गहराई से जांच होनी चाहिए।
उनके अनुसार, यह सिर्फ एक आत्महत्या का मामला नहीं बल्कि संस्थानिक उत्पीड़न (Institutional Harassment) का भी संकेत है।
SIT जांच में जुटी, लेकिन परिवार असंतुष्ट
हरियाणा सरकार ने इस IPS Puran Kumar Suicide Case की जांच के लिए छह सदस्यीय SIT (Special Investigation Team) गठित की है।
टीम ने पूरन कुमार के निवास पर जाकर जांच भी शुरू कर दी है।
हालांकि, परिवार का कहना है कि एफआईआर में दर्ज तथ्य “अधूरे” हैं और SIT अभी तक उन अधिकारियों को शामिल नहीं कर पाई है जिनका नाम खुदकुशी नोट में था।
आत्महत्या से पहले छोड़ा आठ पन्नों का ‘फाइनल नोट’
जानकारी के अनुसार, IPS Puran Kumar (2001 बैच के अधिकारी) हाल ही में रोहतक के सुंनारिया स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में आईजी पद पर तैनात थे।
उन्होंने आत्महत्या से पहले आठ पन्नों का विस्तृत नोट (Suicide Note) छोड़ा था, जिसमें कई वरिष्ठ अधिकारियों पर मानसिक उत्पीड़न, अपमान और दबाव डालने के आरोप लगाए थे।
नोट में हरियाणा डीजीपी और रोहतक एसपी के नाम का भी उल्लेख है।
अमनीत अब सीधे तौर पर रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारनिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही हैं।
मामला सिर्फ आत्महत्या नहीं, सिस्टम पर सवाल
पूरन कुमार की मौत ने पुलिस व्यवस्था और प्रशासनिक संस्कृति पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।
परिवार और सहयोगियों का कहना है कि यह घटना दिखाती है कि किस तरह वरिष्ठ अधिकारियों पर मानसिक दबाव डाला जाता है।
अब इस IPS Puran Kumar Suicide Case ने न सिर्फ हरियाणा बल्कि पूरे देश में प्रशासनिक जवाबदेही पर नई बहस छेड़ दी है।
