सीजी भास्कर, 22 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में एक अनोखी घटना (Jashpur Coin Payment Story) सामने आई है, जिसने सबका दिल जीत लिया। दीपावली के दिन जब ज्यादातर लोग नए कपड़े और मिठाई खरीद रहे थे, तब 50 वर्षीय किसान बजरंग भगत अपनी मेहनत की सालों की कमाई — एक बोरी भर दस-दस रुपये के सिक्कों में 40 हजार रुपये लेकर स्कूटी खरीदने पहुंचा।
बोरी में भरे सपने, दुकान पहुंचा किसान
मनोरा ब्लॉक के केसरा गांव के रहने वाले किसान बजरंग भगत सोमवार को अपनी बेटी चंपा भगत (22) के साथ जशपुर के शांति भवन चर्च के पास स्थित होंडा शोरूम पहुंचे। वहां उन्होंने अपनी पसंद की एक एक्टिवा स्कूटी चुनी और जैसे ही भुगतान की बात आई, किसान ने हाथ में पकड़ी प्लास्टिक की बोरी शो रूम संचालक आनंद गुप्ता को थमा दी। शोरूम कर्मियों ने जब बोरी खोली, तो वे दंग रह गए। बोरी में 10-10 रुपये के हजारों सिक्के थे। किसान ने बताया कि वह पिछले कई सालों से धीरे-धीरे ये सिक्के जमा कर रहा था ताकि एक दिन अपनी बेटी को स्कूटी दिला सके।
गिने गए सिक्के, पूरी हुई एक्टिवा की डिलीवरी
शोरूम संचालक आनंद गुप्ता ने बताया कि पहले तो वे भी हैरान रह गए, लेकिन फिर उन्होंने अपने कर्मचारियों को सिक्के गिनने में लगा दिया। कई घंटों की गिनती के बाद 40,000 रुपये के सिक्के पूरे निकले। शेष राशि किसान ने नकद में दी। इसके बाद शो रूम ने स्कूटी की डिलीवरी प्रक्रिया पूरी की और किसान को नई गाड़ी की चाबी सौंपी। उस पल बजरंग भगत की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। उन्होंने कहा — “मैंने सोचा नहीं था कि ये छोटे-छोटे सिक्के एक दिन मेरी बेटी के चेहरे पर मुस्कान लाएंगे।”
यह दृश्य शोरूम में मौजूद सभी लोगों के दिल को छू गया।
खुशियों का बोनस — कार्ड स्क्रैच कर जीता इनाम
संचालक आनंद गुप्ता ने बताया कि दिवाली ऑफर के तहत कंपनी की ओर से स्क्रैच कार्ड दिया गया था। बजरंग भगत ने जब वह कार्ड स्क्रैच किया तो किस्मत ने उनका साथ दिया — उन्हें मिक्सर ग्राइंडर का इनाम मिला। उन्होंने मुस्कराते हुए कहा, “शायद यही मेरे लिए दिवाली का सबसे बड़ा तोहफा था।” बजरंग भगत की कहानी आज पूरे जशपुर जिले में चर्चा का विषय है। गांव के लोग इसे किसान की मेहनत और सादगी की मिसाल बता रहे हैं। दीपावली पर यह घटना सिर्फ खुशी की नहीं, बल्कि एक संदेश भी देती है — कि सपनों को पूरा करने के लिए लगन और धैर्य सबसे बड़ी पूंजी है।