चेन्नई:
तमिलनाडु के चेन्नई में आयोजित अगरम फाउंडेशन के एक कार्यक्रम में अभिनेता और राज्यसभा सांसद कमल हासन ने ऐसा बयान दे दिया, जो अब सुर्खियों में है। उन्होंने शिक्षा की ताकत पर जोर देते हुए कहा,
“केवल शिक्षा ही है, जो तानाशाही और सनातन की बेड़ियों को तोड़ सकती है।”
शिक्षा को बताया सबसे बड़ा हथियार
कमल हासन ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा,
“अपने हाथ में और कुछ मत लीजिए, सिर्फ शिक्षा को हथियार बनाइए। बहुमत मूर्खता से हार सकते हैं, लेकिन शिक्षा हमें जीत दिला सकती है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि मौजूदा समय में शिक्षा ही वह साधन है, जिससे कानून बदला जा सकता है, और समाज में वास्तविक बदलाव लाया जा सकता है।
सिनेमा और समाज सेवा की तुलना
हासन ने अपने जीवन अनुभव साझा करते हुए कहा कि जो पहचान सिनेमा में मिलती है, वो लोकप्रियता होती है, लेकिन जो सम्मान सामाजिक कार्यों से मिलता है, वह ‘कांटों का ताज’ होता है।
“सिनेमा ताज पहनाता है, लेकिन समाज सेवा दर्द देती है, जिसे झेलने के लिए दिल मजबूत होना चाहिए।”
NEET को बताया अवसर सीमित करने वाला सिस्टम
कमल हासन ने NEET परीक्षा को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि 2017 में इसके लागू होने के बाद कई योग्य छात्र पीछे छूट गए। उन्होंने कहा:
“अगरम फाउंडेशन जैसे संगठन हर किसी की मदद नहीं कर सकते, क्योंकि कानून बाधा बनता है। और उसे बदलने की ताकत सिर्फ शिक्षा देती है।”
मुख्यमंत्री से हुई थी चर्चा
कमल हासन ने यह भी बताया कि उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से NGO के काम में आ रही कानूनी अड़चनों पर बात की है। उनका कहना था कि संस्था पैसा नहीं मांग रही, बस काम करने की इजाजत चाहती है।
मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इस पर गंभीरता से काम किया जाएगा।
“70 साल में समझा बदलाव का मतलब”
कार्यक्रम के अंत में कमल हासन ने एक भावुक बयान देते हुए कहा:
“सत्ता में रहने का असली मतलब होता है बदलाव लाना। मुझे ये बात समझने में 70 साल लग गए।”