सीजी भास्कर, 29 अप्रैल। बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होना है। बिहार की सियासत जाति के इर्द-गिर्द घूमती है।
चुनावी साल में महापुरुषों की जयंती को लेकर वोट बैंक की राजनीति शुरू हो गई है।

आज (मंगलवार) दानवीर भामाशाह की जयंती है। बिहार के विभिन्न राजनीतिक दल भामाशाह की जयंती मनाने में जुटे हैं। भामाशाह जयंती पर जेडीयू के साथ-साथ आरजेडी दफ्तर में भी भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
CM नीतीश कुमार ने किया कार्यक्रम का शुभारंभ
दरअसल, पूरी कवायद वैश्य समाज को साधने व उनको मैसेज देने की है. वैश्य समाज पिछड़ा वर्ग में आता है। जेडीयू दफ्तर में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ सीएम नीतीश कुमार ने किया।
इस दौरान जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन, जेडीयू कोटे के मंत्री विजय चौधरी समेत तमाम प्रमुख नेता मौजूद रहे। इसके आलावा भारी संख्या में कार्यकर्ता भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
आरजेडी दफ्तर में दोपहर 12 बजे से भामाशाह जयंती पर कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। बिहार के कोने-कोने से वैश्य समाज के लोग भी पहुंचे हैं।
आपको बता बता दें कि भामाशाह का संपूर्ण जीवन समाज सेवा और राष्ट्रभक्ति के लिए समर्पित था।
‘भामाशाह ने अपने आचरण से सभी को प्रभावित किया’
जेडीयू दफ्तर में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि दानवीर भामाशाह ने अपने आचरण से सभी को प्रभावित किया। खासकर उन्होंने व्यवसायी वर्ग के लोगों को आगे बढ़ाया वो बहुत उल्लेखनीय है।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार बदल चुका है। एक नई तस्वीर बिहार की दिखाई देती है। लाखों लोगों की तकदीर बदल गई है। हर क्षेत्र में विकास हुआ है। शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज के वंचित वर्गों के लिए अति पिछड़ा और पिछड़ा वर्ग के लिए सभी के लिए काम किया है। उन्होंने बिहार में सत्ता संभालने के बाद कानून का राज स्थापित किया।