सीजी भास्कर, 1 नवंबर। छत्तीसगढ़ के 3,200 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले (Liquor Scam Chhattisgarh) में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा है।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जायमाल्या बागची की खंडपीठ ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कहा कि यह केवल गिरफ्तारी का मामला नहीं, बल्कि मनी लांड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) की व्याख्या का विषय भी है। कोर्ट ने केंद्र और ईडी को 10 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
चैतन्य बघेल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि ईडी ने उनके मुवक्किल को यह कहकर गिरफ्तार किया कि उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया, जबकि एजेंसी ने कभी कोई नोटिस जारी नहीं किया था। वरिष्ठ अधिवक्ता एन. हरिहरन ने कहा कि ईडी जांच को अनिश्चित काल तक खींच रही है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।
ईडी (Liquor Scam Chhattisgarh) ने जुलाई में चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था और आरोप लगाया था कि उन्होंने राज्य के शराब वितरण नेटवर्क से जुड़े धन शोधन मामले में अहम भूमिका निभाई है। एजेंसी का दावा है कि 3,200 करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन में कई राजनेता और कारोबारी शामिल हैं।
सुनवाई के दौरान जस्टिस बागची ने कहा “यह केवल किसी एक व्यक्ति की गिरफ्तारी का प्रश्न नहीं है, बल्कि यह जानने की आवश्यकता है कि कोई भी एजेंसी किसी आरोपी को आखिर कितने समय तक हिरासत में रख सकती है।” सुप्रीम कोर्ट ने अब केंद्र और ईडी को निर्देश दिया है कि वे दस दिनों में विस्तृत हलफनामा दायर करें। मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की गई है।
