सीजी भास्कर, 21 जुलाई। Minister Event Scam : मध्य प्रदेश के शहडोल में ‘ड्राय फ्रूट’ घोटाला उजागर हुआ तो अब मऊगंज में मंत्रीजी के कार्यक्रम में गद्दा और चादर के किराए पर 10 लाख रुपए खर्च हो गए. हैरान करने वाली बात है कि मंत्रीजी ‘गंगा जल संवर्धन योजना’ के तहत आयोजित कार्यक्रम में महज 40 मिनट के लिए शामिल हुए थे, जहां गद्दे और चादर की कोई जरूरत ही नहीं पड़ी. बावजूद इसके अफसरों ने बल्ब बेचने वाली दुकान से गद्दे और चादर किराए पर लेकर सरकारी खजाने को 10 लाख रुपए का चूना लगा दिया.
17 अप्रैल 25 को जिले के खैरा गांव में जल गंगा संवर्धन अभियान का कार्यक्रम आयोजित हुआ था. इस कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम शामिल हुए. कार्यक्रम महज 40 मिनट चला और जनपद पंचायत मऊगंज ने यहां 10 लाख रुपये खर्च कर दिए. यह राशि एक ही वेंडर प्रदीप इंटरप्राइजेज को दी गई है.
किराना, मिठाई, टेंट, लाइट, नाश्ता सब कुछ एक ही दुकान से लिया गया. गद्दे 30 रुपये, चादर 35 रुपये प्रति यूनिट की दर से किराए पर ली गईं. वो भी बिजली बल्ब बेचने वाली दुकान से.
दरअसल, यह ऐसा खर्च है जिनका जमीन पर कोई नामोनिशान(Minister Event Scam) नहीं है. सबसे हैरान करने वाली बात कि गद्दे और चादर बिजली की दुकान से किराए पर लिए गए है. तो सवाल उठता है कि क्या अब बल्ब बेचने वाले बिस्तर किराए पर देने लगे हैं?
मामला तब उजागर हुआ जब लेखापाल ने सीईओ पर लिखित आरोप लगाया है कि रामकुशल मिश्रा ने जबरन उसकी डीएससी और मोबाइल छीनकर भ्रष्टाचार किया गया है.
जनपद अध्यक्ष ने बताया नीलम सिंह ने बताया कि मंच पर उन्हें जगह तक नहीं मिली थी. इस कार्यक्रम में लगभग 150 लोग मौजूद थे. मंच पर जनप्रतिनिधियों को बैठने तक की जगह नहीं थी और ना ही नाश्ता पानी का इंतजाम. फिर लाखों के चाय-नाश्ते के बिल कैसे बने.
पंचायत दर्पण पोर्टल पर अपलोड नोटशीट कहती है कि 2.54 लाख की स्वीकृति दी गई थी. लेकिन निकाले गए 7.45 लाख से ज्यादा. वो भी बिना जनपद पंचायत की बैठक, बिना प्रस्ताव पारित हुए है. इस पूरे प्रकरण की निगरानी(Minister Event Scam) जिन अधिकारियों को करनी थी वो खुद विवादों में हैं. मामला उजागर होने की बाद कलेक्टर संजय कुमार जैन ने जांच के आदेश दिए है. इनका कहना है कि सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.