सीजी भास्कर, 17 सितंबर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सहकारी बैंक धोखाधड़ी (Money Laundering Case) में बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पूर्व सांसद एवं कांग्रेस नेता गजेंद्र राय शर्मा, बैंक के प्रबंध निदेशक के. मुरुगन और ऋण अधिकारी के. कलैवानन शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि यह केंद्र शासित प्रदेश में मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत पहली बार की गई गिरफ्तारी है।
जांच एजेंसी ने बताया कि अंडमान निकोबार राज्य सहकारी बैंक (Money Laundering Case) में निर्धारित प्रक्रियाओं और दिशा-निर्देशों की पूरी तरह अनदेखी की गई। नियमों को ताक पर रखकर 100 से अधिक खातों के जरिये मुखौटा कंपनियों और फर्जी फर्मों को बड़े पैमाने पर ऋण स्वीकृत किए गए। इस घोटाले में शामिल राशि 500 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है।
अधिकारियों का कहना है कि अब तक जुटाए गए साक्ष्यों से स्पष्ट है कि लगभग 230 करोड़ रुपये की ऋण राशि सीधे गजेंद्र राय शर्मा और उनके सहयोगियों के लाभ में इस्तेमाल हुई। यह रकम कई शेल कंपनियों के माध्यम से घुमाई गई और धोखाधड़ी (Money Laundering Case) को वैध लेनदेन की शक्ल देने का प्रयास किया गया।
विशेष पीएमएलए कोर्ट ने तीनों आरोपियों को तीन से आठ दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया है। ईडी की टीम ने कई स्थानों पर छापेमारी की, जहां से बैंक रिकॉर्ड, डिजिटल डेटा और संदिग्ध लेनदेन से जुड़े दस्तावेज जब्त किए गए। सूत्रों का कहना है कि इस कार्रवाई (Money Laundering Case) के बाद और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
