सीजी भास्कर, 14 अक्टूबर | दक्षिण-पश्चिम (Monsoon Withdrawal from Chhattisgarh) की रफ्तार आखिरकार धीमी पड़ने लगी है।
सोमवार को सरगुजा, रायपुर, दुर्ग और कांकेर तक से मानसून विदा हो चुका है। मौसम विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार अब कोण्डागांव, बस्तर और सुकमा समेत आठ जिलों में अगले तीन दिनों के भीतर मानसून के पूरी तरह लौटने की संभावना जताई गई है।
एक ही दिन में कई संभागों से खींची विदाई रेखा
मौसम विभाग के अनुसार, रविवार रात से चली उत्तर-पूर्वी हवा (North-Eastern Wind) ने एक ही दिन में सरगुजा, बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर संभाग के अधिकांश इलाकों को कवर कर लिया।
राज्य के उत्तर और मध्य हिस्सों में नमी खत्म होने लगी है और आसमान साफ दिखाई देने लगा है।
मोहला-मानपुर, राजनांदगांव, महासमुंद और गरियाबंद की उत्तरी सीमा तक अब दक्षिण-पश्चिम मानसून (South-West Monsoon) का असर समाप्त हो गया है।
अब बस्तर में तीन दिन और रह सकती है बूंदाबांदी
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, दक्षिण छत्तीसगढ़ में अब भी स्थानीय आर्द्रता (Local Moisture) बनी हुई है।
इस कारण बस्तर, दंतेवाड़ा और सुकमा जैसे जिलों में अगले तीन दिनों तक हल्की बारिश की संभावना बनी रहेगी।
कहीं-कहीं पर गरज-चमक के साथ हल्की बौछारें भी पड़ सकती हैं।
इसके बाद 16 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश से मानसून की विदाई पूरी हो जाएगी।
मानसून ने इस बार समय से पहले दी थी दस्तक
इस साल का मानसून छत्तीसगढ़ में रिकॉर्ड तोड़ अंदाज में आया था।
आम तौर पर जहां मानसून की एंट्री 10 जून के आसपास होती है, वहीं इस बार (Early Monsoon Arrival in Bastar) 28 मई को ही बस्तर पहुंच गया था।
तेज हवाओं और लगातार बादल छाने से प्रदेश के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई।
यानी मानसून की एंट्री और अब विदाई – दोनों ही इस बार असामान्य रूप से तेज रहीं।
अक्टूबर में भी जारी रही बारिश
आमतौर पर अक्टूबर तक बारिश कम हो जाती है, लेकिन इस बार हालात उलट थे।
पहले हफ्ते में ही लगातार दो-तीन दिनों तक प्रदेश के कई जिलों में झमाझम बारिश होती रही।
इस वजह से Monsoon Withdrawal Line (मानसून विदाई रेखा) काफी देर तक उत्तर छत्तीसगढ़ में अटकी रही।
मौसम विभाग ने पहले ही संकेत दिए थे कि मानसून की विदाई इस बार “धमाकेदार” होगी — और वही हुआ भी।
उत्तर-पूर्वी हवाओं का असर: अब बढ़ेगी ठंड
अब जैसे-जैसे मानसून पीछे हट रहा है, राज्य के मौसम में बदलाव महसूस होने लगा है।
उत्तर-पूर्वी हवाएं धीरे-धीरे सक्रिय हो रही हैं।
रात के तापमान में गिरावट शुरू हो चुकी है, सुबह के समय हल्की ठंडक और दिन में साफ धूप का मिश्रण दिखने लगा है।
(Temperature Drop in Chhattisgarh) आने वाले दिनों में और बढ़ेगा।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार, 14 से 16 अक्टूबर के बीच राज्य में कहीं-कहीं बादल छाए रहेंगे,
लेकिन ज्यादातर इलाकों में मौसम पूरी तरह शुष्क रहेगा।
उत्तर-पूर्वी हवा का प्रभाव स्थायी होते ही नमी घटेगी और दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी तो रात के तापमान में गिरावट दर्ज होगी।
यानी अब छत्तीसगढ़ में मानसून सीजन (Monsoon Season End) का औपचारिक समापन तय माना जा रहा है।
ग्राउंड रिपोर्ट – किसानों और आम जनता पर असर
विदाई के बाद अब किसान खरीफ फसलों की कटाई की तैयारी में जुट गए हैं।
मिट्टी की ऊपरी सतह सूखने लगी है, जिससे मशीनों से कटाई में आसानी होगी।
दूसरी ओर, ग्रामीण इलाकों में अब शरद ऋतु (Autumn Season) का अहसास शुरू हो चुका है।
लोग सुबह-शाम हल्के गर्म कपड़े पहनते दिख रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में इस बार मानसून का सफर एकदम अलग रहा —
जल्दी आया, देर तक रुका और अब धीरे-धीरे लौट रहा है।
(Monsoon Withdrawal from Chhattisgarh) के साथ अब राज्य में ठंड का आगाज़ तय है।
मौसम विभाग की मानें तो अगले हफ्ते तक आसमान बिल्कुल साफ रहेगा और अक्टूबर के तीसरे सप्ताह से न्यूनतम तापमान में 3 से 5 डिग्री तक गिरावट देखने को मिलेगी।