सीजी भास्कर, 03 जुलाई : ‘मोर गांव मोर पानी’ (Mor Gaon Mor Pani) महाभियान के तहत पूरे प्रदेश में भू-जल स्तर बढ़ाने और जल संरक्षण के लिए व्यापक पैमाने पर कार्य किए जा रहे हैं। कांकेर जिले में भी इस महाभियान को सक्रियता से अंजाम देते हुए पहाड़ी ढलानों पर 3620 संरचनाओं का निर्माण किया गया है।
कांकेर जिले में इस वर्ष अब तक 1666 जल संरक्षण कार्यों को मंजूरी दी जा चुकी है। इनमें तालाब निर्माण, निजी कृषि तालाब, सोखता गड्ढे, लूज बोल्डर चेक डेम, गैबियन स्ट्रक्चर, अर्दन डैम, चेक डैम, कंटूर ट्रेच, सोक पिट, डिफंक्ट बोरवेल रिचार्ज, परकोलेशन टैंक जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं।
वर्षा ऋतु में जल संचय कर जल संकट से स्थायी रूप से निजात पाने कांकेर जिले में ‘मोर गांव मोर पानी’ (Mor Gaon Mor Pani) महाभियान के अंतर्गत गांव-गांव में जरूरी संरचनाओं के निर्माण किए जा रहे हैं।
मनरेगा के माध्यम से भी जल के संरक्षण और संवर्धन के लिए विभिन्न संरचनाओं का निर्माण तेज गति से जारी है। इन संरचनाओं के जरिए बरसात में नालों के माध्यम से बहकर व्यर्थ जाने वाले पानी को रोककर उसे धरती में समाहित कर भू-जल स्तर को बढ़ाया जाएगा।
जल संरक्षण-संवर्धन कार्यों की योजना (Mor Gaon Mor Pani) बनाने और उनके क्रियान्वयन में आधुनिक जीआईएस तकनीक (जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम) का उपयोग किया जा रहा है। इसकी मदद से रिज-टू-वैली (पहाड़ी से घाटी तक) सिद्धांत पर आधारित स्ट्रक्चर्स की प्लानिंग की गई है, ताकि बारिश का पानी व्यवस्थित तरीके से संरचनाओं में एकत्र हो और अधिकतम जल संचय हो सके।
वर्षा जल के बहाव से बड़े पैमाने पर मिट्टी कटाव की समस्या उत्पन्न होती है। पर अब इन संरचनाओं के निर्माण से न केवल जल संरक्षण होगा, बल्कि मिट्टी के कटाव की समस्या का भी स्थायी समाधान मिलेगा।
नालों का बहाव धीमा होगा और पानी धीरे-धीरे भूमि में रिसकर भू-जल भंडार को समृद्ध करेगा। जल संचय, भू-जल स्तर के ऊपर आने और जल संरक्षण से वर्षभर पर्याप्त जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा स्थानीय समुदायों की आजीविका को बेहतर बनाने में सहायता मिलेगी।