सीजी भास्कर, 11 अक्टूबर। पंजाब की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। विधानसभा चुनाव 2022 में हार के बाद राजनीति से दूर हो चुके नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Sidhu Political Comeback) और उनका परिवार अब 2027 के चुनावों के लिए सक्रिय हो गया है। शुक्रवार को सिद्धू ने दिल्ली में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा (Navjot Sidhu Political Comeback) से मुलाकात की, जिससे पंजाब कांग्रेस में नए समीकरण बनने की अटकलें तेज हो गई हैं।
सिद्धू ने मुलाकात की तस्वीरें अपने एक्स अकाउंट पर साझा करते हुए लिखा “अपने मार्गदर्शक, प्रकाशस्तंभ और संरक्षक देवदूत से मिला। कठिन और चुनौतीपूर्ण समय में साथ देने के लिए आभारी हूं।” यह पोस्ट सिद्धू के पुनः राजनीतिक सक्रियता के संकेतों को और मजबूत करता है।
2022 के विधानसभा चुनाव में अमृतसर पूर्वी सीट से हार के बाद सिद्धू और उनकी पत्नी डा. नवजोत कौर सिद्धू (Navjot Sidhu Political Comeback) सार्वजनिक जीवन से लगभग गायब थे। लेकिन अब डा. नवजोत कौर ने एक अक्टूबर को घोषणा की है कि वह 2027 में अमृतसर पूर्वी से दोबारा चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि जनता की सेवा करना चाहती हैं और यह काम विधायक बनकर ही बेहतर तरीके से संभव है।
सिद्धू परिवार 2024 के लोकसभा और निकाय चुनावों से भी दूर रहा था। उनकी अनुपस्थिति में नगर सुधार ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन दिनेश बस्सी और पूर्व सांसद जसबीर सिंह डिंपा ने क्षेत्रीय जिम्मेदारियाँ संभालीं और कांग्रेस को संगठनात्मक रूप से मजबूत किया। इस बीच, सिद्धू परिवार के कुछ करीबी कांग्रेस के खिलाफ निर्दलीय मैदान (Navjot Sidhu Political Comeback) में उतरे, जिससे पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ा।
पंजाब के मुख्यमंत्री का तंज
सिद्धू के राजनीति में लौटने पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ में कहा “अच्छी बात है कि सिद्धू ने पंजाब को फिर याद किया, लेकिन उनसे कोई नई उम्मीद नहीं की जा सकती क्योंकि वे वही पुराना एजेंडा दोहरा रहे हैं।” उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में जोड़ा कि हर व्यक्ति को अपनी सुविधा के अनुसार राजनीति में आने-जाने की स्वतंत्रता है। मुख्यमंत्री ने हालांकि यह भी कहा कि सिद्धू को अपने नए राजनीतिक सफर के लिए शुभकामनाएं हैं, लेकिन अब जनता तय करेगी कि पंजाब में उनके लिए कितनी जगह बची है।