Nehru Nagar Over bridge Demand : नेहरू नगर चौक पर बढ़ता दबाव अब खतरे की रेखा पर
सीजी भास्कर, 09 दिसंबर। भिलाई के नेहरू नगर मुख्य चौक पर लगातार बढ़ रहा ट्रैफिक अब सिर्फ जाम की परेशानी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वायु प्रदूषण का स्तर भी इलाके में खतरनाक सीमा से ऊपर पहुंच गया है।
इसी स्थिति को देखते हुए वैशाली नगर के विधायक रिकेश सेन (MLA Rikesh Sen) ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और उप मुख्यमंत्री अरुण साव को विस्तृत पत्र भेजकर तीन अतिरिक्त ओवरब्रिज की मांग रखी है।
विधायक का तर्क—मौजूदा ओवरब्रिज मददगार, लेकिन नेहरू नगर में हालात बदतर

विधायक सेन ने पत्र में बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर खुर्सीपार, पावर हाउस और सुपेला में बने ओवरब्रिजों से ट्रैफिक का दबाव काफी हद तक कम हुआ है, लेकिन नेहरू नगर चौक की स्थिति इसके बिल्कुल उलट है।

शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक यहां ऐसा जाम लगता है कि सड़क पर खड़ा हर वाहन मिनटों तक हिल तक नहीं पाता। दिन के समय भी हालत खास बेहतर नहीं है, जिससे आम लोगों को रोजाना भारी असुविधा उठानी पड़ती है।
Nehru Nagar Over Bridge Demand : प्रदूषण का बढ़ता खतरा—AQI तय मानक से ऊपर, जाम मुख्य कारण
जाम की वजह से इस इलाके में वाहनों की idling और stop-and-go स्थिति सबसे अधिक देखी जाती है। ऐसे में वाहन सामान्य गति की तुलना में कई गुना ज्यादा हानिकारक गैसें छोड़ते हैं।

नेहरू नगर की सड़कें ऊंची इमारतों से घिरी होने के कारण यह इलाका धीरे-धीरे “प्रदूषण हॉटस्पॉट” बन चुका है। लगातार बढ़ती CO₂ और अन्य गैसें हवा में जमा हो जाती हैं और आसानी से फैल नहीं पातीं, जिससे AQI निर्धारित सीमा से ऊपर जा रहा है।

मौजूदा ओवरब्रिज समस्या हल नहीं कर पा रहा—मुख्य उतार गलत दिशा में
विधायक सेन ने यह भी स्पष्ट किया कि सेक्टर-7 सेगुरुद्वारा नेहरू नगर तक बनाए गए ओवरब्रिज का अधिकांश लोग उपयोग नहीं कर पा रहे, क्योंकि ब्रिज का उतार गुरुद्वारे से पहले ही खत्म हो जाता है।

ऐसे में अधिकतर वाहन नीचे उतरकर सीधे नेहरू नगर चौराहे की तरफ बढ़ जाते हैं, जिससे जाम और बढ़ जाता है।
उनका कहना है कि यदि यही ब्रिज आगे बढ़ाकर अग्रेसन चौक तक जोड़ा जाए, तो सारा ट्रैफिक दबाव स्वतः कम हो जाएगा।
Nehru Nagar Over Bridge Demand : तीन नए ओवरब्रिज—भविष्य की जरूरत, सिर्फ सुविधा नहीं
रिकेश सेन ने पत्र में साफ कहा है कि भिलाई की मौजूदा आबादी और रोजमर्रा के ट्रैफिक लोड को देखते हुए सिर्फ एक नहीं, बल्कि तीन अतिरिक्त ओवरब्रिज आवश्यक हैं।

इनके बनने से न केवल ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी, बल्कि हवा की गुणवत्ता भी बेहतर होगी—और शहर की आने वाली पीढ़ियों को लंबे समय तक स्वच्छ, सुरक्षित वातावरण मिल सकेगा।

