सीजी भास्कर, 28 सितंबर। छत्तीसगढ़ में प्याज के बढ़ते दामों ने आम लोगों का बजट बिगाड़ दिया है। त्यौहारी सीजन शुरू होने वाला है और प्याज की कीमतें अचानक बढ़ गई हैं। इससे सभी वर्ग के लोग प्रभावित हो रहे हैं। राजधानी सहित अंबिकापुर और अन्य जिलों के स्थानीय बाजार में प्याज की कीमत 50 से 70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है।
प्याज रसोई घर में एक महत्वपूर्ण सामग्री है। यह सब्जियों और दालों का स्वाद बढ़ाता है। जब प्याज के दाम बढ़ते हैं, तो इसका असर आम आदमी की थाली पर पड़ता है। इससे घर का बजट बिगड़ जाता है। लोग अब सोच रहे हैं कि क्या खरीदें और क्या छोड़ें? स्थानीय व्यापारियों के अनुसार, प्याज के दाम बढ़ने के कई कारण हैं। पहले बारिश के कारण फसलें बर्बाद हुई हैं, इससे प्याज की उपलब्धता कम हो गई है।
इसके अलावा, व्यापारी भी कीमतों में बढ़ोतरी कर रहे हैं। इससे आम जनता की समस्याएं और बढ़ गई हैं। बाजार में प्याज की कीमतें बढ़ने से लोग कई अन्य चीजों पर भी असर देख रहे हैं। दालें और सब्जियां भी महंगी हो गई हैं, इससे कई लोग घर में खाने की योजना बदलने पर मजबूर हो रहे हैं। परिवारों को अब सब्जियां खरीदने के लिए सोचना पड़ रहा है।
महिलाएं जो घर का बजट संभालती हैं, वे इस स्थिति से बहुत चिंतित हैं। त्यौहारों का समय भी नजदीक है ऐसे में महंगी प्याज खरीदना उनके लिए मुश्किल हो गया है। आम लोगों की मांग बढ़ने पर भी सप्लाई कम है, इससे बाजार में हाहाकार मचा हुआ है।
बेंगलुरु और महाराष्ट्र से प्याज आने से कम होंगे दाम
स्थानीय प्याज के व्यापारियों का इस बारे में कहना है कि प्याज़ की पूर्ति महाराष्ट्र के नासिक से होती है लेकिन महाराष्ट्र के नासिक से लगातार आवक में कमी होने के कारण प्याज के भाव में उछाल आया है, शीघ्र ही बेंगलुरु से प्याज की आवक शुरू होगी इसके बाद प्याज के भाव में असर पड़ेगा। वर्तमान में मंडियों में जो प्याज नजर आ रहा है वह लोकल है। बेंगलुरु से प्याज की आपूर्ति होने के बाद निश्चित रूप से भाव कम होंगे।