सीजी भास्कर, 31 अगस्त : छत्तीसगढ़ के बैकुंठपुर जिले में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा के दौरान लापरवाही उजागर होने पर कार्रवाई की गई। सीईओ डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने जनपद बैकुंठपुर सभागार में आयोजित बैठक में ग्राम पंचायत सचिव (Panchayat Secretary) श्रीपाल भगत को तत्काल निलंबित कर दिया।
बैठक में बिना सूचना अनुपस्थित रहने वाले पांच अन्य सचिवों को कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया गया। डॉ. चतुर्वेदी ने ग्राम पंचायतवार योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी सचिव समय सीमा का सख्ती से पालन करें और योजना क्रियान्वयन में लापरवाही न बरतें।
बैठक में मनरेगा योजना के अंतर्गत मोर गांव मोर पानी महाभियान, एक पेड़ मां के नाम रोपण, लेबर बजट निर्माण, मानव दिवस सृजन और कार्यपूर्णता की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामग्री क्रय नियमों का पालन होना चाहिए और प्राकृतिक संसाधनों के संवर्धन एवं कृषि आधारित कार्यों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर नाराजगी जताई गई। डॉ. चतुर्वेदी ने निर्देश दिए कि प्रत्येक आवास हितग्राही को 90 दिन का अकुशल रोजगार, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और एक पेड़ मां के नाम रोपण अनिवार्य रूप से कराया जाए। इसके साथ ही महतारी सदन, मुख्यमंत्री समग्र विकास, अटल डिजिटल सुविधा केंद्र, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान, 15वें वित्त आयोग से संबंधित कार्य, जन्म-मृत्यु पंजीयन तथा नामांतरण की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
सीईओ ने स्पष्ट किया कि सभी योजनाओं के 16 पंजियों का अपडेट अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए। बैठक में अधिकारी-कर्मचारियों को निर्देश दिए गए कि ग्रामीण विकास से जुड़े सभी कार्यों में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित हो। यह कार्रवाई ग्रामीण योजनाओं की गुणवत्ता और जवाबदेही बढ़ाने के उद्देश्य से की गई।
बैठक में उठाए गए कदमों से स्पष्ट है कि विभाग ग्राम पंचायत कार्यों की निगरानी (Panchayat Monitoring) को सख्ती से लागू कर रहा है और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह नीति ग्रामीण विकास की प्रभावशीलता बढ़ाने और योजना लाभार्थियों तक सही समय पर सेवाएं पहुँचाने की दिशा में अहम मानी जा रही है।