सीजी भास्कर, 20 जून। PM Janman Yojana Success Story : छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ के सुदूर वनांचल में बसा है जबगा गांव। यह बिरहोर परिवारों का निवास भी है। यहां रहने वाले 7 बिरहोर परिवार एक स्थान पर झोपड़ी बनाकर रहते हुए पालतू जानवरों के लिए रस्सी तैयार कर जीवन यापन कर रहे थे। उन्होंने सोचा नहीं था कि उनका कच्चा मकान कभी पक्का बन पाएगा। लेकिन आज पीएम जनमन योजना से उन परिवारों के लिए एक साथ एक कालोनी के रूप में बसाए गए है। बिरहोर परिवार अब अपने पुराने कच्चे मिट्टी के घर को छोड़कर अपने पक्के प्रधानमंत्री आवास में रह रहे है। पक्का घर से मिलने से अब उन्हें सुरक्षा और स्थिरता का अहसास हो रहा है, जिससे उनके चेहरे पर स्पष्ट खुशी दिखाई दे रही हैं।
विदित हो कि रायगढ़ जिला अंतर्गत धरमजयगढ़ विकासखण्ड के ग्राम बलपेदा ग्राम पंचायत जबगा जो कि जनपद मुख्यालय से 20 किमी एवं जिला मुख्यालय से लगभग 100 कि.मी दूरी पर स्थित है। यहां पर निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति- बिरहोर के 7 परिवार निवासरत (PM Janman Yojana Success Story)हैं। जो कि 2016 के पूर्व जंगल में ही बने एक गुफा में निवास करते थे। बलपेदा के ग्रामीणों ने उन्हें ग्राम के निकट आबादी प्लॉट में निवास करने के लिए कह कर जंगल से बाहर लाये थे। वहीं इनके द्वारा रहने के लिए झोपड़ी एवं कच्चे मकान बनाये गये थे, पक्का आवास तो जैसे इनके लिए सपना था।
जंगल में प्राप्त होने वाले माहुल पेड़ से पालतु जानवरों जैसे- गाय, बकरी को बांधने वाली रस्सी बनाकर एवं स्थानीय भाषा में बोले जाने वाले बगाई नामक घास जिससे रस्सी बनाकर खाट का नेवार बनाया जाता है, जिसे बेचकर अपने कमाए पैसों से दैनिक आवश्यकताओं को पूर्ण करते है। इन्हीं कमाएं हुए पैसों से अपने परिवार के सदस्यों का भरण पोषण भी करते है। यह भोजन के रूप में कोदो, कनकी जैसे अनाज को ग्रहण करते हैं। गांव पहाड़़ी क्षेत्र में होने के कारण हर साल तेज हवा, पानी के कारण घरों को बहुत नुकसान होता (PM Janman Yojana Success Story)था। जिसके कारण इन परिवारों को हर साल घर की मरम्मत करनी पड़ती है। इस वजह से इन परिवारों की आय का अधिकांश हिस्सा घर मरम्मत में ही खर्च हो जाता था। जिससे इन परिवारों के आशियाने की चिंता बनी रहती थी। बरसात के दिनों में कच्चे मकानों में साफ – सफाई की कमी से बीमारी का खतरा भी बना रहता था। पक्के मकान मिलने के बाद ये सारी चिंता और चुनौतियां अब दूर हो गई हैं।
कुर्रा में बसी पक्के आवासों की कॉलोनी
रायगढ़ जिले के अंतिम छोर में लैलूंगा के करीब बसा है कुर्रा गांव। इसकी पहचान विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर परिवारों में निवास स्थल के रूप में भी है। पीएम जनमन योजना में शामिल होने के बाद यहां दिखने वाले 10 बिरहोर परिवारों के कच्चे घास फूस के घर अब पक्के मकानों में तब्दील हो चुके हैं। इन परिवारों के मकान निर्माण एक साथ एक कॉलोनी के रूप में किया गया है। इस बिरहोर कॉलोनी के लिए विशेष रूप से डिजाइन और लेआउट तैयार करवाया गया। जिससे ये अपने समुदाय बीच रह सकें। इन घरों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण करवाया गया (PM Janman Yojana Success Story)है। उनके आवागमन हेतु सड़क, पेयजल व्यवस्था हेतु पानी, बिजली की सुविधा जिला प्रशासन की तरफ से प्रदाय किया जा रहा है।
इन बिरहोर परिवारों को शासन की अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं से भी जोड़ा गया है। जो बिरहोर परिवार घास-फुस, झुग्गी झोपड़ी, छप्पर वाले कच्चे घरों में रहते थे। बरसात के मौसम में जहरीले सांप, बिच्छु एवं अन्य जंतुओं को भय बना रहता था। अब वे पीएम जनमन योजना से पक्के आवास का निर्माण कर अपने सपनों के आशियानों में सुकून से रह रहे हैं। यह अभियान रायगढ़ जिले के कुर्रा गांव के बिरहोर परिवारों के जीवनस्तर में अभूतपूर्व बदलाव लेकर आया है।
पक्के मकानों से मिली सुरक्षा और स्थिरता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलाई जा रही पीएम जनमन योजना विशेष पिछड़ी जनजाति को समाज की मुख्यधारा में जोडऩे में एक अहम कड़ी साबित हो रही है। ग्राम जबगा और कुर्रा के बिरहोर परिवार एक स्थान पर झोपड़ी बनाकर अपना जीवन यापन कर रहे थे। जब उन्हें शासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत पक्का आवास निर्माण हेतु सहायता राशि प्राप्त होना बताया गया तो वह खुशी से फुले नहीं समाये।
ये बिरहोर परिवार जो अपने कच्चे मिट्टी के झोपड़ी जिसमें बरसात में पानी टपकता रहता था बरसात में विषैले जानवरों का भी खतरा बना रहता (PM Janman Yojana Success Story)था। पक्के मकानों के इन परिवारों को सुरक्षा और स्थिरता प्रदान की है, जिससे उनमें काफी खुशी है। उन्होंने अपनी खुशी जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को अपना धन्यवाद ज्ञापित किया है।