सीजी भास्कर28 जुलाई
नई दिल्ली। पाकिस्तान में आतंक के ठिकानों को नेस्तनाबूद करने वाले ऑपरेशन सिंदूर पर अब देश की राजनीति और भी तीखी हो गई है। संसद के मानसून सत्र के दौरान सोमवार को इस सैन्य अभियान पर विशेष चर्चा हुई, जिसकी शुरुआत खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। उन्होंने ऑपरेशन के हर पहलू को सामने रखा और साफ-साफ कहा कि भारतीय वायुसेना ने सभी तय लक्ष्यों को सटीकता से भेदा और मिशन पूरी तरह सफल रहा।
राहुल गांधी पर सीधा हमला: “अपने नुकसान पर सवाल, पर दुश्मन के तबाह विमानों पर चुप क्यों?”
रक्षा मंत्री ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर तीखा तंज कसते हुए कहा,
“वो बार-बार ये पूछते हैं कि हमने कितने फाइटर जेट खोए, लेकिन कभी नहीं पूछा कि दुश्मन के कितने विमान गिराए?”
राजनाथ सिंह के इस बयान से पहले, राहुल गांधी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय एयरफोर्स को हुए संभावित नुकसान पर सवाल उठाए थे। उन्होंने विशेष रूप से उस वक्त आवाज़ उठाई जब इंडोनेशिया में एक सेमिनार के दौरान भारतीय नौसेना के डिफेंस अटैची कैप्टन शिव कुमार ने कथित तौर पर स्वीकार किया था कि कुछ भारतीय एयरक्राफ्ट खोए गए।
बयान पर विवाद और सफाई
इस बयान को लेकर सियासी गलियारों में हलचल मच गई। इसके तुरंत बाद भारतीय दूतावास ने स्पष्ट किया कि कैप्टन शिव कुमार के बयान को “गलत संदर्भ में लिया गया” और “मीडिया रिपोर्टिंग भ्रामक थी।” बावजूद इसके, विपक्ष ने सरकार से सीधे जवाब की मांग जारी रखी।
CDS जनरल अनिल चौहान ने क्या कहा?
भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने भी पाकिस्तान के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि पाक सेना ने भारत के 6 फाइटर जेट्स (जिसमें 4 राफेल शामिल थे) को गिराया है। उन्होंने कहा:
“यह दावा पूरी तरह निराधार है। मुद्दा यह नहीं कि कितने विमान गिरे, बल्कि यह है कि गिरे क्यों, कहां चूक हुई और उससे हमने क्या सीखा।”
ऑपरेशन के शुरुआती चरण में नुकसान की पुष्टि
हालांकि, जनरल चौहान ने यह भी स्वीकार किया कि 7 मई को ऑपरेशन के शुरुआती चरण में भारत को कुछ नुकसान हुआ था। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा:
“हर सैन्य कार्रवाई में जोखिम होता है। हमने पहले चरण में जो नुकसान झेला, उससे सबक लिया और अगली रणनीतियों में उसे सुधारा।”