सीजी भास्कर, 8 अक्टूबर। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Public Distribution System) के तहत अंबिकापुर शहर में संचालित तीन शासकीय उचित मूल्य दुकानों में लगभग 65 लाख रुपये का बड़ा राशन घोटाला (Ration Scam) उजागर हुआ है। खाद्य निरीक्षक शिव कुमार मिश्रा की शिकायत पर जनकल्याण खाद्य सुरक्षा पोषण एवं उपभोक्ता सेवा सहकारी समिति घुटरापारा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित छह लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
यह समिति अंबिकापुर शहर में तीन उचित मूल्य राशन दुकानों का संचालन करती थी, जिनमें लगातार गड़बड़ियों की शिकायतें मिल रही थीं। समिति के अध्यक्ष पवन सिंह, उपाध्यक्ष सुनिता पैकरा, सहायक विक्रेता फरहान सिद्धीकी, प्रिंस जायसवाल, सैफ अली और मुकेश यादव की देखरेख में इन दुकानों का संचालन किया जा रहा था। लगातार मिल रही शिकायतों पर कलेक्टर विलास भोसकर ने जांच कराई, जिसमें आरोप सही पाए गए।
गरीबों का राशन बेचकर की जा रही थी अवैध कमाई
जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि समिति द्वारा गरीबों के लिए निर्धारित राशन को खुले बाजार में बेचकर अवैध कमाई की जा रही थी। कलेक्टर की ओर से गठित जांच टीम ने पाया कि 1 सितंबर 2022 से 31 मार्च 2024 तक तीनों दुकानों में चावल, शक्कर और चना का भारी अंतर पाया गया।
जांच रिपोर्ट के मुताबिक चावल 1631.29 क्विंटल (मूल्य 61,62,267.96 रुपये), शक्कर 10.43 क्विंटल (49,160.62 रुपये) और चना 48.34 क्विंटल (2,92,692.09 रुपये) कम पाया गया। इस प्रकार कुल 64,94,120.67 रुपये मूल्य के खाद्यान्न का गबन (Ration Scam) सामने आया।
छह आरोपितों पर धोखाधड़ी और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई
खाद्य निरीक्षक की रिपोर्ट और कलेक्टर जांच के आधार पर समिति अध्यक्ष पवन सिंह, उपाध्यक्ष सुनिता पैकरा, सहायक विक्रेता फरहान सिद्धीकी, प्रिंस जायसवाल, सैफ अली और मुकेश यादव को आरोपित बनाया गया है। इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
पुलिस ने मामले की विवेचना प्रारंभ कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि राशन वितरण के समय कई बार फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे और कुछ लाभार्थियों के नाम पर काल्पनिक प्रविष्टियाँ की गईं। यह भी आशंका जताई जा रही है कि राशन का कुछ हिस्सा अन्य जिलों में भेजा गया हो सकता है।
प्रशासन ने दिए कड़े निर्देश
जिला प्रशासन ने अब सभी सहकारी समितियों और उचित मूल्य दुकानों के खातों की जांच के आदेश दिए हैं। कलेक्टर ने स्पष्ट कहा है कि राशन वितरण में किसी भी स्तर पर गड़बड़ी (Ration Scam) पाए जाने पर संबंधित कर्मचारियों और पदाधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य विभाग ने इस घटना के बाद प्रदेशभर के जिला खाद्य अधिकारियों को पत्र जारी कर राशन दुकानों के स्टॉक और वितरण रजिस्टर की त्वरित जांच के निर्देश दिए हैं। विभाग ने कहा है कि डिजिटल मॉनिटरिंग और बायोमेट्रिक सत्यापन से भविष्य में ऐसे घोटालों पर रोक लगाई जाएगी।