सीजी भास्कर, 29 अप्रैल। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा युक्तियुक्तकरण (Rationalization) प्रक्रिया को पुनः प्रारंभ करने के आदेश के विरोध में छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
संघ का कहना है कि यदि पदोन्नति से पहले युक्तियुक्तकरण की कार्रवाई की गई, तो यह शिक्षकों के साथ अन्याय होगा और संघ इसके खिलाफ उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगा।
संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष केदार जैन सहित प्रांतीय पदाधिकारियों ममता खालसा, ओमप्रकाश बघेल, अर्जुन रत्नाकर, गिरिजाशंकर शुक्ला, माया सिंह, रूपानंद पटेल व अन्य ने कहा कि विभाग ने पूर्व में तय किए गए विवादास्पद प्रावधानों को ही फिर से दोहराया है, जिसे पहले विरोध के कारण रोक दिया गया था।
संघ ने मांग की है कि पहले लंबे समय से लंबित प्राचार्य, व्याख्याता, प्रधान पाठक व शिक्षक पदों की पदोन्नति (Rationalization) की जाए, तत्पश्चात ही युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया आरंभ की जाए।
संघ का कहना है कि स्वीकृत सेटअप और शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुरूप ही युक्तियुक्तकरण (Rationalization) किया जाना चाहिए।
यदि ऐसा नहीं होता है तो बड़ी संख्या में शिक्षक अतिशेष घोषित होंगे, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। संघ ने मुख्यमंत्री व शिक्षा सचिव को ज्ञापन भेजकर चेतावनी दी है कि यदि शिक्षकों पर अन्याय हुआ तो वे धरना, प्रदर्शन और आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। यह जानकारी प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित दुबे द्वारा दी गई।