सीजी भास्कर 1 जुलाई देश की राजधानी दिल्ली में भी अब नाम बदलने का सिलसिला शुरू हो चुका है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की सिफारिश की है. यह दिल्ली का पहला स्टेशन है, सीएम रेखा ने इसका नाम महाराजा अग्रसेन रेलवे स्टेशन रखने का प्रस्ताव रेल मंत्री को भेजा है. उन्होंने अपने पत्र में नाम बदलने को महाराजा अग्रसेन के प्रति श्रद्धांजलि बताया है.
सीएम रेखा गुप्ता ने पत्र में लिखा,’मैं आपसे पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम महाराजा अग्रसेन के सम्मान में बदलने की तरफ ध्यान देने का आग्रह कर रही हूं, जो एक ऐतिहासिक व्यक्तित्व थे, जिनकी विरासत का भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास पर और खासौतर पर दिल्ली में, गहरा प्रभाव पड़ा है.उन्होंने आगे लिखा स्टेशन का नाम बदलकर महाराजा अग्रसेन रेलवे स्टेशन रखना उनके योगदान के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी और यह दिल्ली के लाखों निवासियों की भावनाओं से गहराई से जुड़ेगा, जो उनका बहुत सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि अग्रसेन रेलवे स्टेशन रखना उनके स्थायी योगदान के लिए एक उचित श्रद्धांजलि होगी. महाराजा अग्रसेन सामाजिक न्याय, आर्थिक दूरदर्शिता और सामुदायिक कल्याण के प्रतीक माने जाते हैं. उनके अनुयायी और वंशज आज भी दिल्ली की आर्थिक और सांस्कृतिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
सबसे पुराने रेलवे स्टेशन का बदलेगा नाम?दिल्ली में वैसे तो कई रेलवे स्टेशन मौजूद हैं, जहां देश के लगभग हर कोने में जाने के लिए आपको ट्रेन मिलती हैं. चांदनी चौक इलाके में बना पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन दिल्ली का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन है, जिसको साल 1864 में बनाया गया था. आज भी ये स्टेशन लगभग 100 साल पुरानी इमारत में चल रहा है. इस स्टेशन पर करीब 18 प्लेटफॉर्म्स बने हुए हैं.
जहां रोज सैकड़ों ट्रेनें निकलती हैं.कौन हैं महाराजा अग्रसेनमहाराजा अग्रसेन को सूर्यवंशी क्षत्रिय वंश के महान भारतीय राजा के तौर पर उन्हें याद किया जाता है. वे हरियाण के हिसार जिले में अग्रोहा के राजा थे. महाराजा अग्रसेन को समाजवाद के प्रणेता के तौर पर याद किया जाता है. उनके शासनकाल की एक खास बात थी कि वे नए परिवार को समर्थ बनाने के लिए ‘एक ईंट, एक रुपया’ देने की प्रथा शुरू की थी.