सीजी भास्कर, 8 अक्टूबर। दक्षिण दिल्ली के तुगलकाबाद गाँव में पुलिस और आंध्र प्रदेश टास्क फोर्स की संयुक्त कार्रवाई में बड़े पैमाने पर लाल चंदन (Red Sandalwood Smuggling) की तस्करी का भंडाफोड़ हुआ। अधिकारियों के अनुसार 6 अक्टूबर को किए गए छापे में लगभग 15 टन लाल चंदन जब्त हुआ, जिसकी अनुमानित क़ीमत करीब ₹6 करोड़ बताई जा रही है। कार्रवाई के दौरान इरफ़ान और अमित संपत पंवार नामक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
जांच में सामने आया है कि गिरफ़्तार तस्कर दक्षिण भारत से चोरी किए गए लाल चंदन को रोज़मर्रा की आयात-निर्यात सतहों की तरह दिखने वाली ढुलाई में छिपाकर दिल्ली लाते थे। आरोपी, जिनकी निशानदेही पर यह खेप बरामद हुई, चंदन को आगे साउथ एशिया और चीन भेजने की योजना बना रहे थे।
तस्करी का तरीका — नकली खेप में असल माल
पुलिस के अनुसार तस्करों ने फलों और सब्ज़ियों को ले जाने वाले ट्रक ड्राइवर्स के जरिए ही यह तस्करी संचालित की। ट्रक की नियमित जांच से बचने के लिए लकड़ी के टुकड़ों को फलों के क्रेट्स के बीच छिपाया जाता था और गोदामों में थोक रूप में रखा जाता था। तुगलकाबाद के एक किराए पर लिए गए गोदाम में यही माल (Red Sandalwood Smuggling) रखा मिला। अधिकारियों ने बताया कि छेड़छाड़ की नैचुरल-लुक देने के लिए लकड़ियों को ऐसे लीपटा गया था कि वे पहली नज़र में फलों की खेप जैसा प्रतीत होते थे।
मामला कैसे पकड़ा गया
पुलिस ने बताया कि अगस्त 2025 में आंध्र प्रदेश के एक थाने (तिरुपति) में लाल चंदन चोरी की FIR दर्ज हुई थी। आंध्र प्रदेश टास्क फोर्स ने इस सूचना पर ट्रेसिंग शुरू की और पता चला कि चोरी का माल किसी बड़े शिपमेंट के रूप में उत्तर भारत भेजा जा रहा है। दोनों राज्यों की टीमों ने सूचना साझा कर दिल्ली के कुछ संदिग्ध गोदामों पर निगरानी बढ़ाई — और अंततः 6 अक्टूबर को कार्रवाई कर बड़ी खेप बरामद की।
पूछताछ और आगे की कार्यवाही
गिरफ़्तार आरोपियों से कड़ी पूछताछ जारी है। पुलिस (Red Sandalwood Smuggling) ने बताया कि आरोपियों के साक्ष्य और बरामद माल के आधार पर आपराधिक नेटवर्क के और सदस्यों की पहचान की जा रही है। छापे में मिली लकड़ी की शिनाख़्त और उसके स्रोत-नक्शे की पड़ताल चल रही है ताकि चोरी के मामलों की साख पुख़्ता की जा सके और इसे अंतरराष्ट्रीय तस्करी चैनलों से जोड़ा जा सके।
जनता के लिए संदेश
पुलिस ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध ट्रक गतिविधि या गोदाम की सूचना तुरंत दें। अधिकारियों ने बताया कि ऐसी तस्करी के खिलाफ क्रॉस-स्टेट कोऑर्डिनेशन ज़रूरी है और भविष्य में इसी तरह की संयुक्त कार्रवाई बढ़ाई जाएगी।
