सीजी भास्कर, 14 दिसंबर। UPSC सिविल सेवा परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है, इसलिए लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा की तैयारी में सालों साल लगे रहते हैं। कुछ लोगों का तो मानना है कि केवल सबसे प्रतिभाशाली दिमाग और फर्स्ट बेंचर्स ही सिविल सेवा परीक्षा में सफल हो सकते हैं, हालांकि आईएएस रुक्मणी रियार ने उन सभी लोगों को गलत साबित करते हुए एक उदाहरण पेश किया है कि यह परीक्षा कोई भी उम्मीदवार पास कर सकता है, बशर्ते उसमें लगन के साथ परीक्षा की तैयारी करने का जोश हो।
आपको बता दें कि रुक्मणी रियार उन लोगों में से है, जिसने यह साबित कर दिखाया है कि देश की सबसे कठिन यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा कोई भी इंसान क्रैक कर सकता है। भले ही वह कभी स्कूल या कॉलेज में फेल ही क्यों न हुआ हो।
रुक्मणी रियार अपने स्कूली शिक्षा के दिनों में कभी भी टॉपर नहीं रहीं। वह छठी कक्षा में भी फेल हो गई थीं लेकिन साल 2011 में उन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास कर ऑल इंडिया दूसरी रैंक के साथ आईएएस का पद हासिल कर लिया था।
रुक्मणी ने अपनी स्कूली शिक्षा पंजाब के गुरदासपुर से शुरू की और बाद में डलहौजी के सेक्रेड हार्ट स्कूल में दाखिला ले लिया। 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह अमृतसर के गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी से सोशल साइंस की पढ़ाई करने चली गईं। इसके बाद उन्होंने मुंबई के प्रतिष्ठित टाटा इंस्टीट्यूट से सोशल साइंस में मास्टर की डिग्री हासिल की। अपनी मास्टर डिग्री के बाद, रुक्मणी ने मैसूर में अशोदा और मुंबई में अन्नपूर्णा महिला मंडल जैसे गैर सरकारी संगठनों के साथ इंटर्नशिप की। वहां रहने के दौरान रुक्मणी का जुड़ाव सिविल सर्विसेस से हो गया और उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में बैठने का फैसला किया।
रुक्मणी रियार ने वर्ष 2011 में अपने पहले प्रयास में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा क्रैक कर डाली, जिसमें उन्होंने ऑल इंडिया दूसरी रैंक हासिल की। रुक्मणी रियार ने बिना किसी कोचिंग के ही यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक किया था।