सीजी भास्कर, 30 जुलाई : बिलासपुर के सेंदरी स्थित स्वामी आत्मानंद प्राथमिक शाला में दीवारों में करंट फैलने का मामला सामने आया है। इसकी चपेट में आकर चौथी कक्षा का एक छात्र निलेश पटेल झुलस गया, जिसे तत्काल निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटना समाचार पत्र में प्रकाशित हुई, जिसके बाद छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए शिक्षा सचिव से जवाब तलब किया है। अदालत ने पूछा है कि प्रदेश में कितने स्कूल ऐसे हैं जिनके भवनों के ऊपर या आसपास हाईटेंशन विद्युत लाइनें गुजर रही हैं और इनसे सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं।
कई स्कूलों में मंडरा रहा है खतरा-
बारिश के मौसम में दीवारों व विद्युत उपकरणों में करंट फैलने की घटनाएं आम हो जाती हैं। शहर और ग्रामीण अंचलों के कई सरकारी स्कूलों में ऐसे ही हालात बने हुए हैं, जहां बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे हैं। कई स्कूल भवनों के ऊपर या नजदीक से हाईटेंशन लाइनें गुजरी हैं। इन विद्युत लाइनों के आसपास उग आए पेड़ों की डालियां और पत्तियां अब तारों से टकराने लगी हैं, जिससे करंट फैलने की आशंका और भी बढ़ गई है। इसके बावजूद न तो शिक्षा विभाग इस दिशा में कोई ठोस कदम उठा रहा है, न ही बिजली वितरण कंपनी अपनी जिम्मेदारी निभा रही है।
बच्चों की जान से खिलवाड़-
स्वामी आत्मानंद स्कूल में हुई घटना ने एक बार फिर स्कूलों की विद्युत सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बच्चों के मुताबिक, स्कूल की दीवारों में करंट लगातार महसूस हो रहा है, जिससे कक्षा में पढ़ाई करना जोखिम भरा हो गया है। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार वर्षा के कारण स्कूल की दीवारों में करंट फैल गया है। यह स्थिति सिर्फ एक दिन की नहीं, बल्कि लगातार बनी हुई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्कूल प्रबंधन ने इसकी सूचना शिक्षा विभाग को दे दी है।