सीजी भास्कर, 11 सितंबर। कवर्धा जिले की सहसपुर लोहारा पुलिस ने बुधवार शाम मोबाइल चेकिंग पाइंट पर बड़ी कार्रवाई(Silver Seizure) की। पुलिस ने एक सफेद वैगनआर कार को रोका, जिसकी तलाशी के दौरान करोड़ों की चांदी (Illegal Transport) बरामद हुई। कार से कुल 17 बैग, दो थैले और एक प्लास्टिक की थैली बरामद हुई, जिनमें चांदी के आभूषण भरे हुए थे। पुलिस ने जब इनका वजन कराया तो वह 222.784 किलो निकला। बाजार मूल्य के अनुसार इसकी कीमत 2.56 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है।
पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह के निर्देश पर सहसपुर लोहारा थाना प्रभारी की टीम चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान यह कार पकड़ी गई। कार में बैठे चंदन जैन और अमित दास से जब आभूषणों से जुड़े कागजात मांगे गए तो वे कोई वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सके। चंदन ने खुद को दुर्ग स्थित जे.के. ज्वेलर्स का संचालक बताया, लेकिन पुलिस को शक गहराता गया।
दस्तावेज नहीं, मिला केवल बहाना
चंदन ने दावा किया कि चांदी(Silver Seizure) का वजन लगभग 190 किलो है, लेकिन जब पुलिस ने उसे तौलवाया तो 222.784 किलो निकला। इसकी कीमत 2 करोड़ 56 लाख 20 हजार 160 रुपये तय की गई। जब दस्तावेज नहीं दिखाए जा सके तो पुलिस ने चांदी और वाहन को जब्त कर लिया। मामला तुरंत आयकर और जीएसटी विभाग को सूचना देकर आगे बढ़ाया गया। पुलिस ने यह कार्रवाई धारा 106 बीएनएसएस के तहत दर्ज की।
कर चोरी और मनी लान्ड्रिंग की आशंका
पुलिस और विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला केवल अवैध परिवहन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें कर चोरी और (Money Laundering) जैसी गतिविधियों की भी आशंका है। चूंकि इतनी बड़ी मात्रा में चांदी बिना किसी रसीद या बिल के लाई जा रही थी, इससे स्पष्ट है कि इसका संबंध टैक्स चोरी और कालेधन से हो सकता है।
प्रशासन की सख्ती
कवर्धा पुलिस ने बताया कि जिले में अवैध कारोबार और (Tax Evasion) पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने व्यापारियों और आम नागरिकों से अपील की है कि यदि वे इस तरह के संदिग्ध परिवहन(Silver Seizure) की जानकारी देखें तो तुरंत सूचना दें। अधिकारियों ने यह भी कहा है कि पकड़े गए आरोपितों से गहन पूछताछ की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि चांदी कहां से लाई जा रही थी और कहां सप्लाई होनी थी।
आर्थिक अपराध पर नकेल
कानून विशेषज्ञों के अनुसार, यह मामला केवल स्थानीय अपराध नहीं है। इतनी बड़ी मात्रा में चांदी पकड़े जाने से यह भी स्पष्ट होता है कि कारोबारी लंबे समय से ऐसे लेनदेन कर रहे थे। आयकर विभाग और जीएसटी विभाग अब इसकी गहन जांच करेंगे। यदि इसमें कर चोरी और (Silver Seizure) से जुड़ी गड़बड़ी साबित होती है तो आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है।