25 जून 2025 :
इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी हत्याकांड मामले में लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. अब ऐसा ही एक सनसनीखेज खुलासा मेघालय पुलिस ने किया है. पुलिस का कहना है कि राजा की पत्नी और उसकी हत्या में भागीदार सोनम रघुवंशी और उसके प्रेमी राज कुशवाहा ने अपने बीच प्रेम संबंध होने की बात को कबूल कर लिया है.
राजा रघुवंशी हत्याकांड में अब सोनम रघुवंशी और राज कुशवाह ने अपने रिश्ते का सच उगल दिया है. मेघालय पुलिस के मुताबिक, दोनों ने ही कबूल कर लिया है कि उनके बीच अफेयर था. ईस्ट खासी हिल्स के पुलिस अधीक्षक विवेक सिम ने बताया- राज और सोनम दोनों ने रिश्ते में होने की बात स्वीकार की है.
उन्होंने कहा- वे दोनों किसी को अपनी जिंदगी से बाहर निकालना चाहते थे. किसी से मतलब राजा को. क्योंकि उनके बीच रिश्ता था. सोनम के माता पिता ने उनके रिश्ते को नकार दिया था. इसलिएए वो चाहते थे कि राजा को पहले रास्ते से हटाया जाए. फिर बाद में दोनों शादी कर लेंगे.
पुलिस ने पहले कहा था कि जब सोनम के परिवार को राज के साथ उसके रिश्ते के बारे में पता चला, तो उन्होंने इसे स्वीकार करने और दोनों को शादी करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. इसके साथ ही सोनम के घरवालों ने उसका रिश्ता ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी से तय कर दिया, जिसके बाद सोनम ने चेतावनी देते हुए कहा था कि वह ऐसा कुछ करेगी, जिसका असर दोनों परिवारों पर भी पड़ेगा.
नार्को टेस्ट को मंजूरी नहीं
इसके साथ ही इस मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) ने पीड़ित के परिवार की उस मांग को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने दोनों मुख्य आरोपियों सोनम और राज का नार्को टेस्ट कराने की मांग की थी. इसकी वजह बताते हुए SIT अधिकारियों ने कहा कि एक तो उनके पास आरोपियों के खिलाफ सभी आवश्यक सबूत हैं, वहीं साथ ही नार्को-विश्लेषण के परिणाम अदालत में स्वीकार्य नहीं हैं, इसलिए नार्को टेस्ट कराने की कोई जरूरत नहीं है.
नार्को टेस्ट कराने की जरूरत से मना करते हुए पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘उन्होंने पहले ही वारदात को करने की बात कबूल कर ली है. हमने क्राइम सीन को दोहराया है, जिसमें उन्होंने हमें हत्याकांड के बारे में सबकुछ बताया है. हमारे पास सबूत हैं, ऐसे में मुझे नहीं लगता कि हमें इस स्तर पर (नार्को एनालिसिस टेस्ट) क्यों करना चाहिए.’ आगे उन्होंने कहा, ‘आमतौर पर नार्को परीक्षण तब किया जाता है जब कोई सबूत नहीं होता है, और वैसे भी नार्को विश्लेषण पर सुप्रीम कोर्ट प्रतिबंध लगा चुका है.’
गुरुवार को कोर्ट में पेशी
पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच सावधानीपूर्वक की जा रही है, जिसमें केवल इकबालिया बयानों पर निर्भर रहने के बजाय मजबूत और स्वीकार्य सबूत तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है. इसका उद्देश्य जल्द से जल्द कानूनी रूप से टिकाऊ आरोपपत्र तैयार करना है. गिरफ्तार आरोपियों को गुरुवार को अदालत में पेश किए जाने की संभावना है.