Spiritual Business Transformation के तहत देश के तीन बड़े कारोबारी और एक कमीशन एजेंट करोड़ों के व्यवसाय को पीछे छोड़, अब धर्म और भक्ति के मार्ग पर कदम रख रहे हैं। उदयपुर में आयोजित दीक्षा समारोह में ये सभी अपने जीवन का नया अध्याय शुरू करेंगे। इनमें से एक की पत्नी पहले ही साध्वी बन चुकी हैं, अब वे खुद भी परिवार और व्यवसाय को छोड़, आत्मा की शांति की तलाश में हैं।
फरीदाबाद, मुंबई और उदयपुर के कारोबारी
Spiritual Business Transformation के अनुसार, फरीदाबाद के आदर्श कुमार, मुंबई में रहने वाले अरविंद कोटडिया और उदयपुर मूल के देवीलाल भोरावत आज दिगंबर जैनेश्वरी दीक्षा ले रहे हैं। आदर्श कुमार ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग 1980 में की थी और बाद में अपने पेपर मिल स्पेयर पार्ट्स के व्यवसाय को करोड़ों के टर्नओवर तक पहुंचाया।
जीवन बदलने का फैसला
आदर्श कुमार ने बताया कि पुण्य सागर महाराज के दर्शन के बाद मन में धर्म की ओर झुकाव महसूस हुआ। Spiritual Business Transformation के मुताबिक, उन्होंने लंबे समय से भक्ति और धर्म कर्म में समय व्यतीत किया और अब व्यवसाय को पीछे छोड़कर साधु जीवन अपनाने का निर्णय लिया।
देवीलाल भोरावत का अनुभव
देवीलाल भोरावत ने कहा कि मुंबई में इलेक्ट्रिक हार्डवेयर व्यवसाय होने के बावजूद, उनके मन में हमेशा आत्मा की शांति और धर्म की सेवा की लालसा रही। उनकी पत्नी बबली देवी पहले ही 2021 में दीक्षा ले चुकी हैं। Spiritual Business Transformation के अनुसार, देवीलाल अब उसी मार्ग पर चल रहे हैं और व्यवसाय छोड़कर साधु जीवन को अपना रहे हैं।
अरविंद कोटडिया की भक्ति की यात्रा
अरविंद कोटडिया, जो मुंबई के मलाड में कमीशन एजेंट के रूप में काम करते हैं, ने भी सांसारिक जीवन छोड़कर पुण्य सागर महाराज के सानिध्य में दीक्षा लेने का निर्णय किया। Spiritual Business Transformation के मुताबिक, वे 2000 किलोमीटर पैदल यात्रा कर शिखरजी तक पहुँचे और अब उदयपुर में दीक्षा समारोह में सम्मिलित होंगे।
उदयपुर में दीक्षा समारोह
आज उदयपुर में आयोजित इस अनोखे दीक्षा समारोह में तीनों कारोबारी आध्यात्मिक जीवन अपनाएंगे। Spiritual Business Transformation के अनुसार, समारोह में पुण्य सागर महाराज के सानिध्य में आहार ग्रहण और गोद भराई की रस्म भी संपन्न हुई।