सीजी भास्कर, 24 अक्टूबर। लगातार छह कारोबारी सत्रों तक चली तेजी पर शुक्रवार को विराम लग गया। विदेशी पूंजी (Stock Market) की निकासी और बैंकों व एफएमसीजी शेयरों में मुनाफावसूली के कारण घरेलू शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ। बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 344.52 अंक गिरकर 84,211.88 अंक पर बंद हुआ।
कारोबार (Stock Market) के दौरान एक समय यह 599 अंक तक फिसलकर 83,957.15 अंक पर पहुंच गया था। इसी तरह, एनएसई निफ्टी 96.25 अंक यानी 0.37 प्रतिशत गिरकर 25,795.15 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी के 50 में से 34 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई।
सेंसेक्स समूह की कंपनियों में हिंदुस्तान यूनिलीवर का शेयर सबसे अधिक 3.20 प्रतिशत टूटा। अल्ट्राटेक सीमेंट, कोटक महिंद्रा बैंक, अदाणी पोर्ट्स, टाइटन, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक के शेयरों में भी गिरावट रही। वहीं भारती एयरटेल, आइसीआइसीआइ बैंक, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और सन फार्मा के शेयर बढ़त में बंद हुए।
विश्लेषकों का कहना है कि गिरावट की एक वजह वाणिज्य (Stock Market) एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की टिप्पणी भी रही, जिसमें उन्होंने कहा था कि “भारत जल्दबाजी में कोई समझौता नहीं करता और न ही किसी समयसीमा या दबाव में निर्णय लेता है।” एनरिच मनी के सीईओ पोनमुडी आर. ने कहा, “गोयल की इस टिप्पणी से निवेशकों को भारत-अमेरिका व्यापार समझौते के जल्द होने की उम्मीदों पर ब्रेक लग गया।”
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने बताया कि रूसी तेल कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों और मुनाफावसूली की प्रवृत्ति ने भी बाजार पर दबाव डाला। ब्रोकरेज फर्मों का अनुमान है कि आने वाले सप्ताह में कंपनियों के तिमाही नतीजे और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में उतार-चढ़ाव बाजार की दिशा तय करेंगे।
