सीजी भास्कर, 20 मई। मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में टिप्पणी की थी, जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court SIT) तक पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए मध्य प्रदेश के डीजीपी को एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का आदेश दिया है।
इस एसआईटी (Supreme Court SIT) में तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को शामिल किया गया है, जिन्हें 28 मई तक सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश करनी होगी।
एसआईटी में शामिल अधिकारियों में प्रमोद वर्मा (पुलिस महानिरीक्षक, सागर जोन), कल्याण चक्रवर्ती (उप पुलिस महानिरीक्षक, विशेष सशस्त्र बल, पुलिस मुख्यालय भोपाल) और वाहिनी सिंह (पुलिस अधीक्षक, जिला डिण्डोरी) हैं।
महिला अधिकारी की अनिवार्यता (Supreme Court SIT)
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार सुबह 10 बजे तक मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को आईजी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया, जिसमें एक महिला अधिकारी का होना आवश्यक था। यह महिला अधिकारी मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों के तहत दर्ज प्राथमिकी से संबंधित मामलों की जांच करेगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, एसआईटी में महिला अधिकारी वाहिनी सिंह को शामिल किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह के प्रति सख्त रुख अपनाया
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने विजय शाह के मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए उन्हें फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, “हमें ऐसी माफी की आवश्यकता नहीं है। आप पहले गलती करते हैं और फिर कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हैं।
आप जिम्मेदार राजनेता हैं और आपको सोच-समझकर बोलना चाहिए। लेकिन आपने बेहद असभ्य भाषा का प्रयोग किया है।” इस पर विजय शाह के वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने माफी मांग ली है और माफी का वीडियो भी जारी कर दिया गया है।