Surat Businessman Help 21000 Girls : दिल छू लेने वाली पहल, बेटियों की पढ़ाई बनेगी रोशनी की किरण
सीजी भास्कर 17 अक्टूबर – Surat Businessman Help 21000 Girls : गुजरात के सूरत शहर से एक ऐसा कदम सामने आया है जिसने समाज को नई दिशा दी है। शहर के एक कारोबारी ने फैसला लिया है कि वह आर्थिक रूप से कमजोर 21,000 बेटियों की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाएंगे। यह पहल (Surat Businessman Help 21000 Girls) न सिर्फ प्रेरणादायक है बल्कि यह उस सोच को भी मजबूत करती है जिसमें बेटियों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाने की बात कही जाती है।
7,500 रुपये की सहायता से बदलेंगी हजारों जिंदगियां
33 वर्षीय पीयूष देसाई नामक बिजनेसमैन ने करीब 15 करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय लिया है। इस राशि से वे हर छात्रा को 7,500 रुपये की आर्थिक मदद देंगे, ताकि कोई भी बेटी पैसों की कमी के कारण अपनी पढ़ाई न छोड़ दे। इस मिशन को उन्होंने “हीराबा का खमकार” योजना नाम दिया है, जिसके तहत जरूरतमंद छात्राओं की फीस, किताबें और स्टेशनरी का खर्च उठाया जाएगा।
गरीब और अनाथ छात्राओं के लिए आशा की किरण बनी ये योजना
पीयूष देसाई मूल रूप से बनासकांठा जिले के नानोटा गांव के रहने वाले हैं और सूरत में टेक्सटाइल व बिल्डिंग के कारोबार से जुड़े हैं। उनका कहना है कि सरकारी स्कूलों में भले ही 9वीं तक की पढ़ाई मुफ्त हो, लेकिन किताबें और अन्य खर्च कई परिवारों के लिए बोझ बन जाते हैं। यही कारण है कि कई छात्राएं बीच में ही पढ़ाई छोड़ देती हैं। यह पहल (Education Support for Poor Girls) ऐसे परिवारों के लिए वरदान साबित हो सकती है।
प्रधानमंत्री मोदी से प्रेरित होकर उठाया कदम
पीयूष देसाई ने बताया कि उन्होंने यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” और कन्या शिक्षा पर दिए गए जोर से प्रेरित होकर लिया है। साथ ही, पीएम मोदी के 75वें जन्मदिन के मौके पर उन्होंने यह सामाजिक संकल्प लिया है कि कोई भी बेटी सिर्फ आर्थिक कारणों से अपनी पढ़ाई से वंचित न रहे।
धनतेरस पर और 151 बेटियों को मिलेगी मदद
आने वाले धनतेरस के अवसर पर पीयूष देसाई ने घोषणा की है कि वे 151 और छात्राओं को भी आर्थिक सहायता प्रदान करेंगे। उनका कहना है — “बेटियां दो कुलों को जोड़ती हैं, वे संस्कार और शिक्षा की नींव होती हैं। उनकी पढ़ाई में निवेश, भविष्य की पीढ़ियों को उजाला देने जैसा है।”
फॉर्म भरकर मिलेगी मदद, पारदर्शी प्रक्रिया से चयन
इस योजना का लाभ लेने के लिए जरूरतमंद छात्राओं को सूरत स्थित उनके ऑफिस में जाकर एक फॉर्म भरना होगा। इसके बाद टीम उस फॉर्म की जांच करेगी और साल के अंत तक सहायता राशि सीधे छात्राओं तक पहुंचाई जाएगी। पूरी प्रक्रिया (Girl Education Funding Initiative) को पारदर्शी और निष्पक्ष रखा गया है ताकि वास्तविक जरूरतमंदों तक मदद पहुंचे।
बेटियों की मुस्कान में बसता है असली लाभ
यह पहल सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं है, बल्कि समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना का प्रतीक है। पीयूष देसाई का मानना है कि किसी भी देश की असली प्रगति तब होती है जब उसकी बेटियां शिक्षित और आत्मनिर्भर बनती हैं।