सीजी भास्कर, 6 भास्कर 2025 : राज्य कर खंड-एक मथुरा के उपायुक्त कमलेश कुमार पांडेय को अधीनस्थ अधिकारी के यौन शोषण का प्रयास करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। इनके साथ ही आंतरिक परिवाद समिति (विशाखा) के छह सदस्यों को भी निलंबित कर दिया गया है। इन सभी पर आरोपित को बचाने के आरोप हैं। राज्य कर विभाग की विशेष सचिव कृतिका ज्योत्सना को इस मामले की जांच सौंपी गई है।
उपायुक्त कमलेश कुमार के निलंबन का आदेश मंगलवार को शासन ने जारी किया। इसमें कहा गया है कि उपायुक्त अनेक अवसरों पर अपनी अधीनस्थ अधिकारी के यौन शोषण का प्रयास करने के आरोप में प्रथमदृष्टया दोषी पाए गए हैं। इस कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया है। अनुशासनिक कार्यवाही करते हुए उन्हें संयुक्त आयुक्त (कार्यपालक) राज्य कर बांदा के कार्यालय से संबद्ध किया गया है।
कमलेश कुमार राज्य कर विभाग मथुरा खंड एक में तैनात हैं। उनकी अधीनस्थ महिला अधिकारी ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। ये भी आरोप लगाए कि कई अवसरों पर उन्होंने अनैतिक व्यवहार किया। शिकायत जांच में प्रथमदृष्टया सही पाए जाने पर उन्हें उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली के अंतर्गत निलंबित कर दिया गया है। आरोपों की जांच का जिम्मा आतंरिक परिवाद समिति (विशाखा) को दिया गया था।
विशाखा की छह सदस्यीय समिति पर आरोप हैं कि जांच के नाम पर आरोपित अधिकारी को बचाने का प्रयास किया गया। समिति ने अपनी जिम्मेदारियों का पालन नहीं किया। आंतरिक परिवाद समिति की सदस्य कोमल छाबड़ा (सहायक आयुक्त, सचल दल इकाई-दो, मथुरा), प्रतिभा (उपायुक्त, विशेष अनुसंधान शाखा मथुरा), पूजा गौतम (सहायक आयुक्त, राज्य कर खंड-दो मथुरा), संजीव कुमार (उपायुक्त, राज्यकर खंड-पांच मथुरा), सुनीता देवी (राज्य कर अधिकारी, खंड-तीन मथुरा) और वीरेन्द्र कुमार ( उपायुक्त खंड-तीन मथुरा) निलंबित किए गए हैं।